पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने जीडीपी वृद्धि में कमी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने अपने सियासी दुश्मन सुब्रह्मण्यम स्वामी की राय पर सहमति जताई।
30 नवंबर को बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने देश की जीडीपी ग्रोथ रेट गिरने पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि असलियत में मौजूदा दौर में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.5 फीसदी नहीं बल्कि 1.5 फीसदी है। कांग्रेस नेता ने मीडिया से कहा कि डॉ. अरविंद स्वामी की बात को याद करें।
डॉ. अरविंद स्वामी के कहा था कि इस सरकार में विकास दर 5 फीसदी आर्थिक गणना की संदिग्ध विधि के कारण है, यह 5 फीसदी नहीं बल्कि वास्तव में 1.5 फीसदी है। कांग्रेस नेता कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर असामान्य रूप से मौन हैं और उन्होंने अपने मंत्रियों को ‘लोगों को बेवकूफ बनाने और शेखी बघारने’ के लिए छोड़ दिया है।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि भाजपा सरकार का मानना है कि इस वित्त वर्ष के 7 महीने बाद भी अर्थव्यवस्था के सामने आ रही समस्याएं चक्रीय हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को अर्थव्यवस्था की कोई खबर नहीं है। वह नोटबंदी, त्रुटिपूर्ण जीएसटी, कर आतंकवाद जैसी भयानक गलतियों का बचाव करने पर अड़ी हुई है। चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अर्थव्यवस्था पर असामान्य रूप से मौन हैं। उन्होंने इसे अपने मंत्रियों पर छोड़ दिया है जो ‘लोगों को बेवकूफ बनाने तथा शेखी बघारने’ में लगे हैं।
चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुस्ती से बाहर निकाला जा सकता है लेकिन यह सरकार इससे निपटने में नाकाम है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही में भी भाग लिया। चिदंबरम सुबह बैठक शुरू होने पर सदन में आए और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उनसे हाथ मिलाते हुए उन्हें गले लगाया।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने उनका अभिवादन करते हुए कहा ‘‘वेलकम बैक सर। चिदंबरम ने कहा कि मैं वापस आकर खुश हूं। सरकार संसद में मेरी आवाज नहीं दबा सकती। कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी उनसे हाथ मिलाया।