2019 चुनाव में बीजेपी के पक्ष में काम करने का आरोप झेलने वाले पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसुनील अरोड़ा शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में शरीक हुए। उन्होंने इस दौरान अपने ऊपर तीखे सवाल खड़े करने वालों को करारा जवाब भी दिया। आम चुनाव के बाद कुछ पूर्व नौकरशाहों के लिखे पत्र पर उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि वो खुद को लोकतंत्र का रक्षक बताते हैं। अरोड़ा ने एक किताब के विमोचन के दौरान अपने मन की भड़ास निकाली।

सुनील अरोड़ा ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एमएस गिल से अपनी बातचीत के जरिए पूर्व नौकरशाहों पर निशाना साधा। उनका कहना था कि उस चिट्ठी पर उन्होंने गिल साहब से बात की तो उनका कहना था कि अगर तुम उन्हें जवाब दोगे तो वो फिर से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में बैठकर एक और चिट्ठी लिख डालेंगे। गिल 1996 से 2001 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे थे। द टेलीग्राफ ने गिल से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन वो उपलब्ध नहीं थे। हालांकि भारत के सांस्कृतिक सचिव रह चुके जवाहर सिरकर ने कहा कि अच्छा है कि अरोड़ा ने राजनीतिक रंग दिखाना शुरू कर दिया है।

अरोड़ा के नजदीकी एक शख्स ने सिरकर के आरोप को दरकिनार करते हुए कहा कि वो राजनीतिक रूप से किसी पार्टी से संबद्ध नहीं है वो केवल एक दोस्त के कहने पर किताब ध्येय यात्रा का विमोचन करने अंबेडकर भवन चले गए थे। हालांकि, इस दौरान अरोड़ा ने एबीवीपी को सलाह भी दी और राजस्थान के एक पत्रकार का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने बाबरी विध्वंस के समय का किस्सा भी सुनाया, जिसपर जमकर तालियां बजीं।

अरोड़ा राजस्थान कैडर के 1980 बैच भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। उन्होंने दिसंबर 2018 को देश के मुख्य चुनाव आयुक्त का पद ग्रहण किया था। इससे पहले वो भारत के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव भी रह चुके हैं। इसके अलावा अरोड़ा वित्त, कपड़ा और योजना आयोग जैसे मंत्रालयों में सेवाएं दे चुके हैं। वो इंडियन एयरलाइंस के चेयरमैन भी रहे।

2019 लोकसभा चुनावों के वक्त सुनील अरोड़ा ही भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त थे। उस दौरान उन्हें अपने कई फैसलों के लिए आलोचना का शिकार होना पड़ा था। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के भाषणों को क्लीनचिट देने के मामले में उन पर तीखे आरोप लगे थे। यहां तक कि एक चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने उन पर पक्षपात का आरोप लगाकर आयोग से इस्तीफा भी दिया था। अशोक लवासा उसके बाद एशियन डेवलपमेंट बैंक चले गए थे। फिलहाल वो वहीं हैं।