गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फेलेरो ने पार्टी और विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देते हुए, कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद गोवा के पूर्व सीएम ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ज्यादा विधायक होने के बावजूद गोवा में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 2017 विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के पास बहुमत के लिए जरूरी 21 विधायकों का समर्थन था लेकिन कांग्रेस के प्रभारी रहे दिग्विजय सिंह ने उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया था।
लुइजिन्हो फेलेरो ने कहा कि साल 2017 में कांग्रेस के 17 विधायक जीते थे। इसके अलावा एक निर्दलीय समेत 4 विधायकों का समर्थन हमारे पास था। बहुमत का आंकड़ा होने के बावजूद दिग्विजय सिंह ने उन्हें राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया था और 4 विधायकों के समर्थन तक इंतजार करने को कहा था। फेलेरो के अनुसार, दिग्विजय गोवा में कांग्रेस के प्रभारी थे।
अपने इस्तीफे के पीछे फेलेरो ने कहा कि जिस कांग्रेस के लिए मैंने गोवा में लड़ाई लड़ी अब वह नहीं रह गई है। उन्होंने लिखा पिछले साढ़े चार सालों में हम 18 विधायकों से 5 पर आकर सिमट गए, 13 विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुके हैं लेकिन जिम्मेदार लोगों पर आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि गोवा में कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश करने से चूक गई। चुनाव के बाद हुए इस घटनाक्रम के कारण वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे।
कांग्रेस से त्यागपत्र देने के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि फेलेरो TMC ज्वाइन कर सकते हैं। उन्होंने इस्तीफा देने के साथ ही ममता बनर्जी की तारीफों के पुल बांधने शुरू करते हुए उन्हें फाइटर बताया था। फेलेरो ने कहा कि बीजेपी को ममता बनर्जी ही चुनौती दे सकती हैं। फेलेरो का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा नुकसानदायक माना जा रहा है।