जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने पर नेशनल कान्फ्रेंस के नेता और सांसद फारुख अब्दुल्ला ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार (छह अगस्त, 2019) को अपने घर की बाल्कनी से मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। हम इसके खिलाफ कोर्ट में अपील करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह लोग हमारी हत्या करना चाहते हैं। हम कोई हम पत्थरबाज नहीं। मेरे घर के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं। मेरे बेटे उमर अब्दुल्ला को जेल में डाला दिया गया है। और लोगों को भी जेल में डाला गया है। वहीं केंद्र की तरफ से फारूख अब्दुल्ला को हिरासत में लिए जाने की खबरों का खंडन किया गया है।
#WATCH: National Conference leader & J&K Former CM Farooq Abdullah: Home Ministry is lying in the Parliament that I’m not house-arrested, that I am staying inside my house at my own will. #Article370 pic.twitter.com/OXzHjEmTnx
— ANI (@ANI) August 6, 2019
संसद से अब्दुल्ला के गैरहाजिर रहने के सवालों पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि अब्दुल्ला को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है, वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं। शाह ने कहा कि वह स्वस्थ हैं और मौज मस्ती में हैं। उनको सदन में नहीं आना है तो हम गन कनपटी पर रखकर बाहर नहीं ला सकते।
हालांकि अब्दुल्ला ने गृह मंत्री के इस बयान पर न्यूज 18 चैनल से कहा है कि अमित शाह ने जो कहा वह आधारहीन है। मुझे घर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा, मुझे ब्लड प्रेशर (बीपी) और दिल की समस्या है। न ही किसी से मिलने दिया जा रहा। एक डीसीपी (डिप्टी कमिशनर ऑफ पुलिस) को मेरे घर के बाहर तैनात कर दिया गया है।
बता दें कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद पीडीपी चीफ और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही कुछ अलगाववादी नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है। मालूम हो कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला सोमवार को किया।
राज्यसभा में आर्टिकल 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों और विधेयक को मंजूरी दे दी। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के भाग 2 और 3 में कहा गया है कि इसके तहत एक नये संघ शासित क्षेत्र लद्दाख का सृजन होगा । प्रस्तावित संघ शासित क्षेत्र लद्दाख बिना विधायिका की होगी ।

