पिछले कुछ समय से कांग्रेस में केंद्रीय स्तर और प्रदेश स्तर में उठापटक चल रही है। एक तरफ जी-23 के नेता पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं तो वहीं पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित कांग्रेस राज्यों में नेतृत्व को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस पार्टी के अंदर उपजी ऐसी स्थिति को लेकर आप के पूर्व नेता आशुतोष ने सवाल दागा और उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि क्यों दरबारी नेता जो दिल्ली में बैठते हैं, वे मीडिया में कहानियां गढ़ते हैं, आखिर वे क्यों अपने-अपने राज्यों में जाकर भाजपा से लड़कर कांग्रेस को मजबूत नहीं कर सकते।

अंदरूनी संकट से जूझ रही कांग्रेस को पिछले कुछ समय से लगातार झटके मिल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सबसे पहले कांग्रेस को झटका पंजाब में मिला जहां नवजोत सिंह सिद्धू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जैसे तैसे आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को सौंपी लेकिन इसके बावजूद भी पंजाब का कलह समाप्त नहीं हुआ। आख़िरकार आलाकमान के कहने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया। चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद आलाकमान को लगा कि पंजाब कांग्रेस में उपजी कलह समाप्त हो गई है। लेकिन चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बने कुछ ही दिन बीते ही थे कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर फिर से पंजाब कांग्रेस के संकट को बढ़ा दिया। इधर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस से अलग होने का ऐलान कर दिया और अब उनके बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पंजाब की तरह ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ से भी गाहे बगाहे असंतोष के स्वर सामने आते रहते हैं। 

पहले से ही पार्टी की राज्य इकाई में अंदरूनी कलह का सामना कर रही कांग्रेस को अब केंद्रीय स्तर पर भी कलह का सामना करना पड़ रहा है। अब कांग्रेस नेताओं के G-23 गुट ने भी शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले दिनों कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस से शीर्ष नेतृत्व से अपनी नाराजगी जाहिर की। कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि पता नहीं, कांग्रेस में कौन फैसले ले रहा है। लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं इस पर सोचने की जरूरत है। पार्टी नेतृत्व जिन लोगों को अपना खास मानता था वह पार्टी छोड़कर चले गए और जो लोग यह समझते हैं कि वह पार्टी नेतृत्व के खास नहीं है, वह आज भी उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा हम जी-23 के नेता वे नहीं हैं जो पार्टी छोड़कर कहीं और जाएंगे।

कपिल सिब्बल के इन बयानों के बाद युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कपिल सिब्बल के घर के बाहर जमकर हंगामा किया। लोगों ने ‘गद्दारो पार्टी छोड़ो’ के नारे लगाए गए। कपिल सिब्बल के घर पर हुए हमले से नाराज कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने हैरानी जताते हुए इसे बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया और हमले करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कपिल सिब्बल के अलावा कई और वरीय नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के मौजूदा हालात को लेकर कांग्रेस आलाकमान को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि अब न तो CWC की मीटिंग होती है और न ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाती है। कांग्रेस में फिलहाल कुछ भी सही नहीं है। राहुल गांधी के पास कोई पद नहीं है, लेकिन पार्टी से जुड़े सभी मामलों में वह फैसले लेते हैं।