तिहाड़ जेल में ठीक खाना न दिए जाने की शिकायत को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने एक कमेटी बना दी है। जस्टिस एम प्रतिभा सिंह ने कहा कि कमेटी तिहाड़ जेल में जाकर रेड करे और पता लगाए कि क्या वाकई वहां बंद कैदियों को ठीक खाना नहीं मिल रहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। जस्टिस का कहना है कि कमेटी कम से कम दो बार औचक रेड करके स्थिति का सही आकलन करे। फिर हम सुनवाई करेंगे।

कैदी बोले- खराब हो जाएगी हमारी सेहत

दरअसल तिहाड़ में बंद दो कैदियों ने दिल्ली हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि वो जेल की स्थितियों पर गौर करे। शाम को छह बजे के बाद कैदी जैसे ही बैरेकों में पहुंचते हैं, उसके बाद उन्हें अगर भूख लगे तो खाने को कुछ नहीं मिलता। जो खाना मिलता है वो पौष्टिक नहीं होता। उनका कहना था कि तिहाड़ जेल का प्रशासन लापरवाही से काम कर रहा है। इससे कैदियों की सेहत खराब हो जाएगी। उनकी अपील थी कि हाईकोर्ट इसमें दखल दे।

जेल प्रशासन की सफाई नहीं उतरी जस्टिस के गले, बना दी रेड कमेटी

दूसरी तरफ तिहाड़ जेल अधीक्षक की तरफ से पेश एडवोकेट ने जस्टिस एम प्रतिभा सिंह के सामने सफाई में कहा कि कुछ दिन पहले एक जज ने खुद तिहाड़ जेल का दौरा किया था। वो हमारे इंतजामात से काफी संतुष्ट दिखे थे। लेकिन उनकी ये दलील जस्टिस एम प्रतिभा सिंह के गले नहीं उतरी।

जस्टिस ने कैदियों की रिट पर तिहाड़ जेल प्रशासन से जवाब मांगने के साथ एक तीन सदस्यीय कमेटी बना दी। इसमें उस एडवोकेट अदित एस पुजारी को भी शामिल किया गया है जो कैदियों की रिट को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा था। जस्टिस एम प्रतिभा सिंह ने कहा कि हमें सच का पता लगाने दीजिए। ये काफी गंभीर मसला है। कैदियों के अपने अधिकार हैं। कम से कम उनके रहने खाने का इंतजाम तो ठीक होना चाहिए।

जस्टिस एम प्रतिभा सिंह बोलीं- कम से कम दो रेड करो, फिर करेंगे सुनवाई

हाईकोर्ट ने कमेटी से कहा कि वो कम से कम दो बार तिहाड़ का औचक निरीक्षण कर पता लगाए कि वहां किस तरह के हालात हैं। उसके बाद हम फिर से मामले की सुनवाई करेंगे। याचिका पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को तय की गई है। जस्टिस ने कैदियों को भरोसा दिलाया कि वो खुद सारे मामले पर नजर रख रही हैं। ध्यान रहे कि टिल्लू ताजपुरिया की जेल के भीतर हत्या के बाद से तिहाड़ का प्रशासन खासे निशाने पर है।