प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार हो चुका है। अब इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संसदीय बोर्ड में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि मोदी कैबिनेट से जिन मंत्रियों की छुट्टी हुई है, उन्हें अब संगठन में जगह मिल सकत है।
द इंडियन एक्सप्रेस में छपे कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल के मुताबिक भाजपा संसदीय बोर्ड में 5 पद खाली हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में इन नेताओं को संगठन में महासचिव पद से लेकर अलग-अलग जिम्मेदारी दी जा सकती है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या हटाए गए कुछ मंत्रियों को पार्टी संगठन में जगह मिलेगी या नहीं। तीन पदाधिकारी – भूपेंद्र यादव, अन्नपूर्णा देवी और बिश्वेश्वर टुडू मंत्री बन गए हैं।
यादव महासचिव हैं, जबकि देवी पार्टी की उपाध्यक्ष हैं और टुडू राष्ट्रीय सचिव हैं। इसके अलावा भाजपा संसदीय बोर्ड में रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता भी है। थावरचंद गहलोत के राज्यपाल नियुक्त होने के बाद, पार्टी के संसदीय बोर्ड में अब पांच 5 पद खाली हैं।
अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार के निधन और एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद से ये पद खाली हुई हैं। बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव कैबिनेट मंत्री बन गए हैं और उनके पास श्रम और पर्यावरण विभाग हैं। माना जा रहा है कि हटाए गए पांच कैबिनेट मंत्रियों में से एक को इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है।
कैबिनेट से हटाए गए रविशंकर प्रसाद नितिन गडकरी की अध्यक्षता में महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा, भूपेंद्र यादव गुजरात और बिहार के प्रभारी महासचिव भी थे। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है।
दोनों राज्यों के राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होने की वजह से इन जिम्मेदारियों को भी किसी महासचिवों में से एक को सौंपा जाएगा। इसके अलावा मोदी कैबिनेट से हटे प्रकाश जावड़ेकर, सदानंद गौड़ा, हर्षवर्धन और रमेश पोखरियाल निशंक को भी भाजपा संगठन में काम दिया जाएगा।