Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को कथित नार्को-आतंकवाद संबंध के लिए पांच पुलिसकर्मियों सहित छह सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें सेवा से बर्खास्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) का इस्तेमाल किया।
अधिकारियों ने बताया कि जांच से पता चला है कि ये कर्मचारी पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और उसकी धरती से सक्रिय आतंकवादी समूहों द्वारा संचालित नार्को-आतंकवादी नेटवर्क का हिस्सा थे।
एक अधिकारी ने बताया, “पांच पुलिसकर्मी और एक शिक्षक सहित छह सरकारी अधिकारी मादक पदार्थ की बिक्री के जरिए आतंकवाद के वित्तपोषण में संलिप्त पाए गए।” उनकी पहचान हेड कांस्टेबल फारूक अहमद शेख, कांस्टेबल खालिद हुसैन शाह, कांस्टेबल रहमत शाह, कांस्टेबल इरशाद अहमद चालकू, कांस्टेबल सैफ दीन और सरकारी शिक्षक नजम दीन के रूप में हुई है।
अनुच्छेद 311(2)(सी) तहत राष्ट्रपति या राज्यपाल किसी भी कर्मचारी को बर्खास्त कर सकते
संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) के तहत, राष्ट्रपति या राज्यपाल, जैसा भी मामला हो, उसको सामान्य प्रक्रिया का सहारा लिए बिना किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने का अधिकार है, यदि वे इस बात से संतुष्ट हों कि सार्वजनिक सेवा में उस व्यक्ति का बने रहना राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक है।
इसके साथ ही प्रशासन ने 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से इसी तरह के आधार पर 70 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। पिछले महीने दो पुलिस कांस्टेबलों सहित चार सरकारी कर्मचारियों को नार्को आतंकवाद में कथित संलिप्तता के कारण बर्खास्त कर दिया गया था। चारों की पहचान पुलिस कांस्टेबल मुश्ताक अहमद पीर और इम्तियाज अहमद लोन, स्कूल शिक्षा विभाग के कनिष्ठ सहायक बाज़िल अहमद मीर और ग्रामीण विकास विभाग के ग्राम स्तरीय कार्यकर्ता मोहम्मद जैद शाह के रूप में हुई है।
जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि चारों लोग “आतंकवादी संगठनों की ओर से काम कर रहे थे” क्योंकि कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने उनके खिलाफ “अपराध सिद्ध करने वाले साक्ष्य” एकत्र किए थे। मामले से अवगत लोगों के हवाले से एएनआई ने बताया कि हेरोइन और ब्राउन शुगर, जिनकी खेती भारतीय क्षेत्र में नहीं की जाती है, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी हुई हैं और भारत में इसकी हर ग्राम तस्करी या खपत कई नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान से होती है।