यूपी के फिरोजाबाद में पिछले हफ्ते 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस वाले को हिंसा पर उतारू भीड़ ने घेर लिया। प्रदर्शनकारियों ने उसकी जमकर पिटाई करनी शुरू कर दी। इसी दौरान वहीं के हाजी कादिर नाम का एक बुजुर्ग उसे बचाने के लिए भीड़ के सामने पहुंच गया। पिटाई से उसको काफी चोटें आई थीं। उसके सिर और हाथों में घाव हो गए थे।

अपने घर पर रखा और कपड़े भी दिए : पिटाई में घायल सिपाही का नाम अजय कुमार है। जब प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने अजय कुमार को पकड़कर पीटना शुरू किया तो कादिर ने मौके पर पहुंचकर न केवल उसको आक्रोशित लोगों से बचाकर अलग किया, बल्कि उसे अपने घर ले गया और बाद में जब स्थिति सामान्य हो गई तो उसको थाने में पहुंचाया। सिपाही अजय ने बताया, “हाजी कादिर साहब मुझे अपने घर ले गए। मेरे सिर और उंगली में गंभीर रूप से चोटें लगी थीं। उन्होंने मुझे पानी दिया और पहनने के लिए अपने कपड़े दिए। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि मैं सुरक्षित हूं। बाद में वे मुझे थाने ले गए।” उन्होंने कहा, “वे मेरी जिंदगी में फरिश्ता बनकर आए। यदि वह नहीं होते तो मुझे मार दिया गया होता।”

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नमाज पढ़ रहे थे तभी मिली सूचना : घटना को याद करते हुए कादिर ने बताया कि वह नमाज पढ़ रहे थे, तभी उन्हें पता चला कि एक पुलिस वाले को भीड़ ने घेर लिया है। कहा, “उन्हें गंभीर रूप से चोट लगी थी। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि मैं उन्हें बचा लूंगा। मैं उस वक्त उनका नाम नहीं जानता था। जो कुछ मैंने किया वह सिर्फ इंसानियत के लिए था।”

विरोध प्रदर्शन के दौरान जमकर हुई थी हिंसा : गौरतलब है कि 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में लोग सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान कई जगह आगजनी, तोड़फोड़ और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। कई इलाकों में धारा 144 लगाने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने जमकर हिंसा फैलाई थी। इसी दौरान यूपी के फिरोजाबाद में पुलिस वालों और विरोध करने वालों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।