Ruchika Goswamy 

महाराष्ट्र में वार्षिक ड्रामा प्रतियोगिता का आयोजन कराने वाली मशहूर बॉडी फिरोदिया करंदक (Firodiya Karandak) ने ऐसे ड्रामों (या नाटकों) पर रोक लगाने का निर्णय लिया है जो संवेदनशील मुद्दे जैसे बाबरी मस्जिद, अनुच्छेद-370 (इस प्रावधान के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था जिसे सरकार ने निरस्त कर दिया।), भारत-पाकिस्तान संबंध, हिंदू-मुस्लिम संबंध और जाति के आधार पर हों।

खास बात है कि ड्रामा फेस्टिवल के चालीस साल के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब इस तरह के प्रतिबंध लगाए गए हों। बता दें कि फिरोदिया करंदक इंटर कॉलेजों के बीच ड्रामा कम्पीटिशन का आयोजन करता है।

इंडियन एक्सप्रेस से फेस्टिवल की आयोजक अजिंक्य कुलकर्णी ने कहा कि हमने पिछले कुछ सालों में नोटिस किया है कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विभिन्न कॉलेज के प्रतियोगी खासतौर पर इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। चूंकि हमारे नाटकों में सेंसरशिप के तरीके नहीं है इसलिए इस साल हमने फैसला लिया है कि संवेदनशील मुद्दों पर प्ले की अनुमति नहीं दी जाए।

कुलकर्णी ने आगे कहा, ‘इसकी अपार संभावना है कि प्ले के संदर्भ को लोग गलत तरीके से समझ सकते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हमने अब से पहले कभी इस तरह के प्रतिबंध नहीं लगाए मगर अब बॉडी को इसके लिए जिम्मेदारी दी जाएगी।’

फिरोदिया करंदक द्वारा प्ले पर प्रतिबंध लगाए जाने पर सामाजिक और राजनीति के जानकार सुहास पलशिकर ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, ‘छात्रों के लिए चार दशक से अधिक पुरानी थिएटर प्रतियोगिता के आयोजकों ने इस साल तय किया है कि नाटकों के लिए कौन से विषयों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। ये पुणे में हो रहा है।’