सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में आज कहा कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है। सिर्फ बेरियम सॉल्ट वाले पटाखे पूरी तरह से बैन हैं। कोर्ट ने कहा कि दूसरों के स्वास्थ्य की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता। पर्यावरण को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी है कि इस तरह के पटाखे पूरी तरह से प्रतिबंधित किए जाएं। इनसे बहुत ज्यादा खतरा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्यों, एजेंसियों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से किसी भी चूक को बेहद गंभीरता से लिया जाएगा। अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी को हमारे निर्देशों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती। उत्सव की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत बिलकुल नहीं दी जाएगी।

पटाखों पर प्रतिबंध के उल्लंघन की स्थिति में मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस आयुक्त, एसपी व एसएचओ व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह होंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश मीडिया के माध्यम से प्रचार करके लोगों को जागरूक करने का काम करें। लोग सचेत होंगे तभी पूरी तरह से प्रतिबंध के फैसले को लागू कराया जा सकेगा।

जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि CBI ने जो पटाखे जब्त किए उनमें बेरियम सॉल्ट जैसे हानिकारक रसायन पाए। कोर्ट ने कहा कि हिंदुस्तान फायरवर्क्स और स्टैंडर्ड फायरवर्क्स जैसे निर्माताओं ने भारी मात्रा में बेरियम खरीदा और पटाखों में इन रसायनों का इस्तेमाल किया। इस मामले पर अगली सुनवाई छह अक्टूबर को होगी। कोर्ट ने सीबीआई, चेन्नई के संयुक्त निदेशक की रिपोर्ट पर दलील के लिए निर्माताओं को एक और मौका दिया।

हरी रोशनी के लिए होता है बेरियम का इस्तेमाल
पटाखों में रोशनी डालने के लिए खास तरह के रसायनों का प्रयोग किया जाता है। अलग-अलग रसायनों के हिसाब से ही पटाखों के रंगों की रोशनी तय होती है। पटाखे में से हरी रोशनी निकालने के लिए बेरियम नाइट्रेट का इस्तेमाल होता है। बेरियम नाइट्रेट विस्फोटक का काम करता है। बारूद में मिश्रण होने पर ये रंग बदलता है और हरे रंग में बदल जाता है। हरे रंग में बदलने से जब पटाखे को आग लगाई जाती है तो उसमें से हरे रंग की ही रोशनी निकलती है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर आतिशबाजी में किया जाता है। सांस के रोगों से ग्रसित लोगों के लिए यह बेहद खतरनाक होता है।