मध्य प्रदेश में गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से दिग्गज कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले भाजपा सांसद कृष्णापाल यादव की मुश्किले बढ़ गई हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सोमवार (23 दिसंबर, 2019) को भाजपा सांसद और उनके बेटे के खिलाफ कथित तौर पर जाली दस्तावेज जमा कराने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि यादव ने गैर क्रीमी लेयर में जाति प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज जमा कराए थे।

इस घटना से पहले 16 दिसंबर को मुंगावली के एसडीएम ने भाजपा सांसद और उनके बेटे का जाति प्रमाण-पत्र निरस्त कर दिया था। दोनों के खिलाफ ये कार्रवाई एसडीएम द्वारा साल 2014 में बेटे सार्थक यादव को पिछड़ा वर्ग का आरक्षण लाभ दिलाने के लिए अपनी आय क्रीमिलेयर के आठ लाख रुपए से कम बताने पर की गई थी।

हालांकि लोकसभा चुनवा के दौरान पर्चा दाखिल करने के लिए दौरान भाजपा नेता ने अपनी आय 39 लाख रुपए बताई थी। ऐसे में आय के इस अंतर पर मुंगावली से कांग्रेस विधायक बिजेंद्र सिंह यादव ने इसकी शिकायत एसडीएम से की। जांच के बाद एसडीएम ने सांसद पर कार्रवाई करते हुए उनके जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर इसका प्रतिवेदन एडीएम को भेजा।

कानून की जानकारी रखने वाले एक्सपर्ट के मुताबिक ऐसे में मामलों में आईपीसी की धारा 466 और 181 के तहत केस दर्ज किया जाता है। अगर कृष्णापाल यादव इसमें दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें सात साल तक की सजा हो सकती है। इसी बीच कांग्रेस विधायक बिजेंद्र कहा कि सांसद ने जो आय का प्रमाम पत्र बनवाया था। उसमें उन्होंने अपनी आय को जाति प्रमाण का फायदा उठाने के लिए क्रीमीलेयर से नीचे बताया था। भाजपा नेता ने किसी गरीब का हक मारा है।

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