देश में कोरोनावायरस की वजह से सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा। केंद्र की तरफ से अचानक हुए इस फैसले से प्रवासी मजदूरों के साथ जहां-तहां फंसे लोगों को भी सुविधाओं की काफी कमी हुई थी। इस पर कई पत्रकारों ने रिपोर्टिंग कर शासन और प्रशासन की कमियों को उजागर किया था। हालांकि, ऐसी ही रिपोर्टिंग के लिए एक न्यूज वेबसाइट की एग्जीक्यूटिव एडिटर और चीफ एडिटर (प्रमुख संपादक) पर एफआईआर दर्ज हुई है। दरअसल, Scroll.in की पत्रकार सुप्रिया शर्मा ने लॉकडाउन में प्रधानमंत्री मोदी के गोद लिए गांव डोमरी में भूख से प्रभावित लोगों की एक रिपोर्ट छापी थी। बताया गया है कि उनके ऊपर इसी रिपोर्ट को लेकर केस हुआ है।
सुप्रिया शर्मा की यह रिपोर्ट स्क्रोल पर 8 जून को पब्लिश हुई थी। जबकि एफआईआर 13 जून को दर्ज कराई गई। बताया गया है कि एफआईआर दर्ज कराने वाली माला देवी नाम की एक महिला हैं, जिनके एक बयान को सुप्रिया ने अपनी रिपोर्ट में शामिल किया था। स्क्रोल की एग्जीक्यूटिव एडिटर सुप्रिया और चीफ एडिटर पर आईपीसी की धारा 269 (खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलाने के लिए लापरवाही से काम करने) औ धारा 501 (मानहानि पहुंचाने वाली सामग्री छापने) और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है।
Our statement. @scroll_in https://t.co/rBbOcXMK0P pic.twitter.com/TBw4I0YUl7
— Supriya Sharma (@sharmasupriya) June 18, 2020
इस एफआईआर पर स्क्रोल की ओर से भी बयान जारी किया गयाय़ इसमें कहा गया है “Scroll.in ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित डोमरी में 5 जून 2020 को माला का इंटरव्यू लिया था। उन्होंने जो कुछ भी बयान दिया, वही हमने अपने लेख में छापा है। इस लेख का शीर्षक था- प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी स्थित गोद लिए गांव में लॉकडाउन के दौरान लोग भूखे। स्क्रोल ने कहा है कि वह इस लेख के साथ खड़ा है।
गौरतलब है कि किसी पत्रकार पर एफआईआर दर्ज होने का यह पहला मामला नहीं है। कुछ दिनों पहले ही एक मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ पर दिल्ली के साथ हिमाचल प्रदेश में भी केस दर्ज हुए थे। उन पर अपने यूट्यूब चैनल के जरिए कुछ खबरें चलाने के लिए फेक न्यूज फैलाने और देशद्रोह की धाराओं के तहत मामले दर्ज हुए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।