उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न नेपाल में भी मनाया जा रहा है। जनकपुर में जानकी मंदिर को रोशनी और मिट्टी के दीयों से सजाया गया है। जनकपुर को भगवान राम के ससुराल के तौर पर भी जाना जाता है। पूरे शहर में सजावट की गई है और लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सजावटी रोशनी से सजा जनकपुर रोशनी के त्योहार दिवाली की याद दिला रहा है।
जनकपुर के युवाओं में उत्साह
अगर बात की जाए नेपाल के जनकपुर में उत्साह की तो इसका खास उदाहरण युवाओं को कहा जा सकता है। बड़ी तादाद में यहां के युवाओं ने अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया है।
श्री राम युवा समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा,”त्रेतायुग में बनबास (वनवास) के बाद राजा रामचन्द्र को जो कष्ट सहना पड़ा, यह कलियुग में भी जारी रहा, उन्हें भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में पांच सौ वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा, उन्हें तिरपाल के नीचे आश्रय लेना पड़ा, उनका दर्द वास्तव में सभी हिंदुओं का दर्द था। हमारे पूर्वजों ने कड़ी लड़ाई और संघर्ष किया था और अंतिम परिणाम यहां मर्यादापुरुष भगवान राम के मंदिर के निर्माण के साथ है, जिनकी प्राण प्रतिष्ठा कल होने वाली है। इस अवसर पर मैं सभी भारतीय नागरिकों को बधाई देता हूं और जनकपुर में उत्साह काफी ज्यादा है।”
आयोजन समिति के सदस्यों में से एक आशुतोष झा ने कहा कि जनकपुर और मिथिला के लोग तेल, दीपक, मिट्टी की वस्तुओं के साथ-साथ अन्य आवश्यकता की वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए एक साथ आए हैं। नेपाल के जनकपुर से, मुख्य महंत और छोटे महंत को समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है और वे पहले ही अयोध्या पहुंच चुके हैं।
जनकपुर से पहले अनुष्ठान के हिस्से के तौर पर अयोध्या में प्रसाद भेजा गया था। इन पेशकशों में आभूषण, व्यंजन, कपड़े और अन्य दैनिक आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं, जो दोनों क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को बढ़ाती हैं।