राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा पर हमला बोलते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि भाजपा को 2019 में भगवान राम चुनाव नहीं जिताएंगे। मीडिया से बात करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वो (भाजपा) सोचते हैं कि भगवान राम उन्हें 2019 में चुनाव जिता देंगे। भगवान उन्हें चुनाव जीतने में मदद नहीं करेंगे। ये लोग हैं, जो वोट देंगे, ना भगवान राम और ना ही अल्लाह वोट डालने आने वाले।’ गौरतलब है कि फारुख अब्दुल्ला का बयान ऐसे वक्त आया है, जब देश में राम मंदिर का मुद्दा छाया हुआ है और लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। उल्लेखनीय है कि तेदेपा चीफ चंद्रबाबू नायडू भाजपा के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। इसके लिए नायडू ने गुरुवार को एनसीपी चीफ शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला से मुलाकात की।
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मुद्दे पर सुनवाई टाल दी थी और अब ये सुनवाई जनवरी में होगी। इसके बाद कई राजनेताओं ने राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से अध्यादेश लाने की मांग की है। हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक इस संबंध में कोई बयान नहीं आया है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जरुर राम मंदिर के मुद्दे पर अध्यादेश की संभावना को फिलहाल नकार दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। कोर्ट में इस पर जल्द ही सुनवाई होनी चाहिए। लेकिन कोर्ट को इसी के साथ आस्था का भी ख्याल रखना चाहिए। हालांकि अन्य विकल्पों की तलाश की जा रही है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश को न्यायपालिका पर भरोसा है, पर न्याय में देरी होने से निराशा मिल रही है। सभी पक्ष इस मसले का जल्द से जल्द समाधान चाहते हैं। राज्यसभा सांसद और आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने भी राम मंदिर निर्माण पर बयानबाजी की है। अपने एक ट्वीट में राकेश सिन्हा ने कहा कि आर्टिकल 377, जल्लीकट्टु, सबरीमाला जैसे मामलों पर फैसला देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कितने दिन का वक्त लिया? लेकिन अयोध्या दशकों से उनकी प्राथमिकता में नहीं हैं। यह हिंदू समाज के लिए पहली प्राथमिकता है।