रविवार को गाजीपुर बॉर्डर पर कुश्ती का आयोजन किया गया। देशभर से 50 पेशेवर पहलवान किसानों के इस आंदोलन को अपना समर्थन देने पहुंचे थे। वहीं गणतंत्र दिवस वाले दिन बड़े विरोध प्रदर्शन के लिए, जिस दौरान किसान दिल्ली में ट्रैक्टर लेकर दाखिल होंगे, किसान यूनियन भर्ती आयोजित कर रही हैं। भर्ती में कई किसानों ने खुद को रजिस्टर किया है। इससे पहले किसानों ने कहा था कि अगर सरकार कानूनों को वापिस नहीं लेती है तो वे 26 जनवरी को दिल्ली में मार्च करेंगे।

किसान यूनियन के राजिंदर सिंह ने बताया, “हमने भर्ती की शुरुआत पिछले शुक्रवार से की थी। हमें काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। ये भर्ती इसलिए आयोजित की गई जिससे कि हमारा आंदोलन व्यवस्थित रहे। सभी वॉलंटियर्स की जानकारी हमने ले ली है। इसमें पंजाब के लाखों किसान हिस्सा लेंगे…।”

किसानों के समर्थन में यूपी से आईं महिला पहलवान मीनीक्षी ने बताया, “हम यहां किसानों का समर्थन करने आए हैं। किसानों को आंदोलन करते हुए एक महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। हमारे कोच ने हमें यहां आने को कहा था। किसान हमारे भाई बहन हैं इसलिए हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते हैं। मुझे कुश्ती बहुत पसंद है और मैं कई राष्ट्रीय स्तर के मैच भी खेल चुकी हूं। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे इस खेल से किसानों का मनोरंजन हुआ।”

इस बीच किसानों ने भी खेल का जमकर लुत्फ लिया। पंजाब के किसान राजकिशोर सिंह बताते हैं, “मंच के पास कई सारे लोग थे। हमें मैच देखने के लिए सड़क पर बैठना पड़ा लेकिन मजा बहुत आया। हम में से कई लोगों ने इससे पहले कुश्ती का मुकाबला नहीं देखा था। कुश्ती के कई सारे दांव पेंच देखकर हम सब हैरान रह गए। हमें इस बात की खुशी है कि वह हमारा समर्थन करने पहुंचे।”

बता दें कि इनमें से कई पहलवान राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं। हरियाणा के सूरज पहलवान ने बताया, “मेरे परिवार में कई लोग किसान हैं और इन कानूनों को वापिस लिया जाना चाहिए।मैं यहां किसानों का समर्थन करने आया हूं…”। मुकाबले के बाद पहलवानों ने किसानों के साथ मिलकर नारे भी लगाए।