Farmers Protest: पंजाब और हरियाणा के किसान संघों ने अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ आज होने वाली बातचीत का इंतजार करेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने रविवार को कहा कि केंद्र हमेशा खुले मन और दिमाग से बातचीत के लिए तैयार है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में मुंडा ने कहा, ‘एक दौर की बातचीत हो चुकी है। यह एक अच्छी चर्चा थी। अगली बैठक होगी फिर बातचीत होगी। अगर कोई मसला है तो हम उसे बातचीत से सुलझा लेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राज्य मंत्री नित्यानंद राय के साथ सोमवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ दूसरे दौर की बातचीत करेंगे।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार की सोच और किसानों की मांगों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम बैठेंगे और सावधानी और धैर्य के साथ समाधान निकालेंगे। मुंडा ने कहा, हम किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए खुले मन से बात करने को तैयार हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि कितना हम कर सकते हैं, कितना किसानों के हित में रहेगा। दोनों को मिलकर ही समाधान निकालना होगा। उन्होंने कहा कि हम खुले दिमाग से बातचीत को तैयार हैं। किसानों की प्रमुख मांगों में से एक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी है।
केंद्र ने कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 अनिवार्य फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा की है। 18 जुलाई, 2022 को केंद्र ने एमएसपी को अधिक “प्रभावी और पारदर्शी” बनाने सहित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक समिति का गठन किया था।
समिति का गठन नवंबर 2021 में प्रधान मंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की उनकी सरकार की मंशा की घोषणा के मद्देनजर किया गया था। किसान यूनियनें स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी की कानूनी गारंटी की भी मांग कर रही थीं। पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता वाली समिति ने छह “मुख्य” बैठकें और 31 उप-समूह बैठकें/कार्यशालाएं आयोजित कीं। इसे अभी अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।
रविवार को किसान मजदूर मोर्चा के समन्वयक सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केएमएम और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) से जुड़े किसान पंजाब के विभिन्न हिस्सों से निकलेंगे और सोमवार दोपहर तक फतेहगढ़ साहिब में इकट्ठा होंगे।
उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने का कोई भी निर्णय वार्ता के नतीजे के बाद लिया जाएगा। पंढेर ने कहा, “हजारों की संख्या में ट्रैक्टर पंजाब के विभिन्न हिस्सों से मार्च करेंगे और सोमवार दोपहर तक ही पहुंच जाएंगे… किसान अपने ट्रैक्टरों में रात भर सड़क के किनारे सोएंगे और बातचीत के नतीजे के अनुसार दिल्ली की ओर मार्च करेंगे।”
पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल को सोमवार को चंडीगढ़ के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एमजीएसआईपीए) में केंद्रीय मंत्रियों के साथ दूसरे दौर की वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया है। दल्लेवाल ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “इस बैठक में कुल 26 लोग जाएंगे, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम से 13-13 लोग।”
दल्लेवाल ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”खट्टर सरकार पंजाब से लगती राज्य की सीमाएं सील कर किसानों को भड़का रही है…अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार होगी…एक तरफ केंद्र सरकार दिल्ली बातचीत के लिए चंडीगढ़ से आ रही है और दूसरी ओर, हरियाणा सरकार किसानों को खराब नजरिए से दिखा रही है।