Farmers Protest : 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद बुलाने का ऐलान किया है। देश की राजधानी दिल्ली इस समय किसानों के आंदोलन का केंदबिंदु बनी हुई है और यहां हजारों की संख्या में किसान डेरा डाले हुए हैं। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के अनुसार, शांतिपूर्ण भारत बंद सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक होगा। किसान नेता डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा कि ‘8 दिसंबर को पूरे दिन भारत बंद रहेगा। 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। यह बंद शांतिपूर्ण तरीके से होगा। हम नहीं चाहते हैं कि कोई भी राजनीतिक दल के नेता मंच पर आएं।’
पिछले 11 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने जनता से अपील की है कि वे मंगलवार (8 दिसंबर) को आहूत ‘भारत बंद’ को अपना समर्थन दें। भारत बंद को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा समर्थन देने के कदम का भी किसानों ने स्वागत किया है। किसान केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, माकपा और द्रमुक ने भारत बंद को अपना समर्थन दिया है।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 11 दिन से देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक दलों और मनोरंजन जगत के साथ अब खेल की दुनिया से भी किसानों के लिए आवाज उठनी शुरू हो गई है। इस कड़ी में 30 खिलाड़ी अपने अवॉर्ड को वापस करने के लिए सोमवार को राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़े, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया। इन 30 खिलाड़ियों में शामिल पहलवान करतार सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा किे उऩके साथ पंजाह और कुछ अन्य राज्यों के खिलाड़ी अपना अवॉर्ड वापस करना चाहते हैं।
कांग्रेस का जहाज डूब रहा है इसलिए किसानों को भ्रमित करके वो अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रही है। 2011 में कांग्रेस ने किसानों के लिए APMC एक्ट लाने की बात बोली थी। यही हमने किया तो कांग्रेस विरोध कर रही है।
नए कृषि कानूनों पर किसानों की तरफ से 8 दिसंबर को देशव्यापी भारत बंद बुलाया गया है। इस बंद का कांग्रेस के अलावे देशभर के 11 राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया है। ऐसे में सोमवार को किसानों की तरफ से उन राजनीतिक दलों को हिदायत दी गई है, जिन्होंने किसान के शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन किया है। किसानों की तरफ स ऐसे राजनीतिक दलों की तरफ से साफतौर पर कहा गया है कि वे प्रदर्शन के दौरान अपनी पार्टी के झंडे और बैनर ना लाएं।
केरल सरकार केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। राज्य के कृषि मंत्री वीएस सुनील कुमार ने कहा कि केरल एक दो दिनों में नए कृषि कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा। उन्होंने कहा कि चूंकि कृषि समवर्ती सूची में आती है, नए कानून राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं और यह देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है। सुनील कुमार ने कहा कि इससे पहले राज्य सरकार ने कानूनी राय मांगी थी और उसे सलाह मिली है कि कानून की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार कृषि राज्य की सूची में आती है। इस तरह के कानून लाने से पहले राज्यों से सलाह नहीं ली गई और किसानों के निकायों को भी अंधेरे में रखा गया। हमें लगता है कि इस कानून से केवल कॉर्पोरेट घरानों को फायदा होगा।
आपको बता दें कि कृषि कानून के विरोध में कुछ दिनों पहले ही इस तरह अवॉर्ड वापसी की शुरुआत हुई थी। सबसे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण सम्मान लौटाया, उसके बाद कुछ लेखकों की ओर से साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटाया गया। बीते दिन बॉक्सर विजेंद्र सिंह भी किसानों का समर्थन करने सिंधु बॉर्डर पहुंचे थे। यहां विजेंद्र सिंह ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार ये कानून वापस नहीं लेती है तो वो अपना खेल रत्न वापस लौटा देंगे। विजेंद्र सिंह से पहले रेसलर द ग्रेट खली ने भी किसानों का समर्थन किया था और दिल्ली में प्रदर्शन करने की बात कही थी।
तीन राज्यों हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी।
सुबह आठ बजे से लेकर शाम तीन बजे तक चक्का जाम रहेगा।
यातायात सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। बस और रेल से यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानी हो सकती है।
आवश्यक चीजों जैसे दूध, फल और सब्जी पर रोक रहेगी
किसानों की तरफ से मंगलवार को बुलाए भारत बंद से ठीक पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी भेजी है। केन्द्र की तरफ से किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के साथ ही कानून और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सीमा पर किसान नेताओं ने कई राजनीतिक दलों द्वारा उनके आंदोलन को लेकर व्यक्त किये गये समर्थन का स्वागत किया और अन्य सभी से आगे आने एवं मंगलवार के ‘भारत बंद' का समर्थन करने का आह्वान किया। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के अनुसार, मंगलवार के भारत बंद में इमरजेंसी सेवाएं, शादी, एम्बुलेंस पर कोई रोक नहीं होगी। दूध, फल, सब्ज़ी आदि जैसी ज़रूरी चीजों को किसान अपनी तरफ़ से सप्लाई नहीं करेंगे, लेकिन यदि कोई ले जाना चाहेगा तो कोई रोक नहीं होगी।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 11 दिन से देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक दलों और मनोरंजन जगत के साथ अब खेल की दुनिया से भी किसानों के लिए आवाज उठनी शुरू हो गई है। इस कड़ी में 30 खिलाड़ी अपने अवॉर्ड को वापस करने के लिए सोमवार को राष्ट्रपति भवन की तरफ बढ़े, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया। किसान आंदोलन के समर्थन में ये सभी खिलाड़ी राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें अपना अवॉर्ड वापस करना चाहते थे। इन 30 खिलाड़ियों में शामिल पहलवान करतार सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा किे उऩके साथ पंजाह और कुछ अन्य राज्यों के खिलाड़ी अपना अवॉर्ड वापस करना चाहते हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, आठ दिसंबर को प्रस्तावित 'भारत बंद' का समर्थन करती है। किसानों के पक्ष में 8 दिसंबर को भारत बंद का कांग्रेस पार्टी समर्थन करती है। जैसा कि हम जानते हैं, राहुल जी ने हस्ताक्षर अभियान, किसान व ट्रैक्टर रैली द्वारा भी किसानों के पक्ष में आवाज उठाई। वे किसानों के प्रबल समर्थक हैं और किसान हितों से जुड़े इस मुद्दे को देश के कोने-कोने में ले जाने के लिए कांग्रेस का हर कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा है।
किसानों के लंबे आंदोलन के दौरान केन्द्र सरकार से कई दौर की वार्ताएं होने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकलने पर किसान संगठनों ने अब 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इस आह्वान के चलते मंगलवार को व्यवस्थाएं प्रभावित होना तय है क्योंकि इस मुद्दे पर किसानों को देशभर में पूरे विपक्ष का साथ मिल रहा है। वह व्यापारिक संगठन भी उनके समर्थन में आगे आ रहे हैं। राजस्थान में भी किसान बंद को सफल बनाने के लिये जी-जान से जुटे हुये हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज सुबह 10 बले सिंधू बॉर्डर पहुंचकर केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा, हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं...उनकी समस्या और मांगें मान्य हैं। मेरी पार्टी और मैं शुरू से ही उनके साथ खड़े हैं। अपने विरोध प्रदर्शन की शुरुआत में, दिल्ली पुलिस ने 9 स्टेडियमों को जेल में बदलने की अनुमति मांगी थी...मुझ पर दबाव डाला गया, लेकिन मैंने इसकी अनुमति नहीं दी।
किसान आंदोलन के बीच नोएडा में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए एक व्यक्ति ने भैंस के आगे बीन बजाई। युवक का वीडियो भी सामने आया है।
दिल्ली पुलिस ने पुरस्कार वापसी के लिए राष्ट्रपति भवन मार्च करने वाले 30 खिलाड़ियों को आज रोक दिया। ये सभी खिलाड़ी किसान आंदोलन के पक्ष में हैं और कृषि बिल की वापसी की मांग कर रहे है। पहलवान करतार सिंह ने कहा कि हम 30 खिलाड़ी जो पंजाब से हैं पुरस्कार वापस करना चाह रहे हैं।
इधर किसानों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं...लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है।' रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'आज जब कांग्रेस का राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है, ये बार-बार चुनाव में हारते हैं...चाहे वो लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम चुनाव हो। ये अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं।'
कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आहूत 'भारत बंद' से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को 'अहंकार छोड़कर' किसानों के मन की बात सुननी चाहिए और कृषि से संबंधित 'काले कानूनों' को वापस लेना चाहिए। कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मीडिया से कहा, 'देश का किसान राजनीतिक दायरे से ऊपर उठकर एकजुट है। हरित क्रांति में नेतृत्व की भूमिका निभाने वाले पंजाब ने खेती व्यापारीकरण के खिलाफ क्रांति की है. हमें गर्व है कि कांग्रेस किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।'
लखनऊ में किसानों के समर्थन में सपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बीच पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। अखिलेश यादव पर कोरोना नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।
हरियाणा-पंजाब के अलावा यूपी, दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, प. बंगाल, एमपी, राजस्थान व तमिलनाडु के किसानों ने भी समर्थन किया है। टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन व दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट्स एसोसिएशन ने भी बंद का समर्थन किया। राजधानी दिल्ली में मंगलवार को आम लोगों को टैक्सी और ऑटो लेने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि कई यूनियनों ने भारत बंद का समर्थन किया है। दिल्ली टैक्सी टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख संजय सम्राट के मुताबिक, उनके समेत कुछ अन्य टैक्सी संगठन आठ दिसंबर को भारत बंद में भागीदारी करेंगे और काम बंद रखेंगे।
भारतीय किसान संघ ने कहा कि देश की जनता यह भी जान चुकी है कि पंजाब राज्य सरकार के द्वारा पारित वैकल्पिक बिलों में केंद्रीय कानूनों को निरस्त कर पांच जून से पूर्व की स्थिति बहाल करने का प्रावधान किया जा चुका है, फिर भी पंजाब के किसान नेता तीनों बिलों को वापस लिए जाने पर क्यों अड़े हुए हैं।
भारतीय किसान संघ का कहना है कि वह तीनों कानूनों की वापसी नहीं, बल्कि संशोधन के पक्ष में है। एमएसपी से नीचे खरीद न हो, व्यापारियों से किसानों को धनराशि की गारंटी मिले, अलग से कृषि न्यायालयों की स्थापना हो।
चिल्ला बॉर्डर को दोबारा पूरी तरह बंद कर दिया गया है। नोएडा से दिल्ली में आवाजाही पर पुलिस की निगरानी के चलते दिल्ली से नोएडा आने-जाने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा बदरपुर बॉर्डर के रास्ते हरियाणा आने-जाने का रूट भी मंडे को और ज्यादा प्रभावित हो सकता है, क्योंकि बड़ी तादाद में किसानों को हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद में रोक रखा है, जो सोमवार को दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर सकते हैं। अगर किसान दिल्ली पहुंचते हैं, तो बदरपुर बॉर्डर और कालिंदी कुंज के रास्ते नोएडा आने-जाने के रूट पर भी दिक्कतें और बढ़ सकती है।
आमतौर पर इस वक़्त किसान खेतों में डटे रहते हैं लेकिन इस समय उनके खेतों में सन्नाटा है या फिर कुछ मज़दूर और घर की औरतें ही खेतों में काम करती मिलेंगी। मेरठ, बाग़पत, मुज़फ़्फ़रनगर, शामली, सहारनपुर जैसे ज़िलों के तमाम किसान दिल्ली सीमा पर नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शन में हिस्सा लेने गए हुए हैं। किसानों का कहना है कि 'खेती तो एक सीज़न की नष्ट होगी, क़ानून तो भविष्य ही चौपट कर देगा।'
भारतीय किसानों के समर्थन में अब दिल्ली के अलावा लंदन में भी प्रदर्शन देखने को मिला। सेंट्रल लंदन में स्थित भारतीय दूतावास के बाहर किसानों के समर्थन में सैकड़ों लोग इकट्ठे हो गए। बाद में इन लोगों ने लंदन के ट्रफ़ैलगर स्क्वेयर तक एक मार्च भी निकाला। मार्च में शामिल लोगों का कहना था कि मोदी सरकार दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की परेशानियों को सुने और उनकी माँगों पर गंभीरता से विचार करे। प्रदर्शन में शामिल 13 लोगों को लंदन पुलिस ने गिरफ़्तार भी किया। बताया गया है कि मार्च के दौरान ये लोग कोविड-19 से जुड़ी गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे थे। लंदन पुलिस के एक अधिकारी ने यह बताया कि 13 में से चार लोगों को जुर्माना लेकर छोड़ दिया गया है।
शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति, अकाली दल, आम आदमी पार्टी और बीजेपी के सहयोगी – असम गण परिषद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है। हालांकि, संयुक्त बयान पर इन पार्टियों के नेताओं के हस्ताक्षर नहीं हैं।