कृषि कानून और एमएसपी के मुद्दे पर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत और कृषि अर्थशास्त्री विजय सरदाना के बीच जमकर बहस हुई। लाइव डिबेट शो में दोनों अपने तेज-तर्रार तर्क पेश कर रहे थे। इसी बीच, टिकैत बुरी तरह सरदाना पर भड़क उठे और उन पर चिल्लाने लगे। बोले- अरे, ओ लुटेरों के बादशाह…रुक जाओ, मान जाओ। ये आखिरी बादशाह साबित होगा, लुटेरों का। आप की ही बात का जवाब दे रहा हूं। हालांकि, इस पर सरदाना ने भी किसान नेता को टोका और पूछा, “चिल्ला क्यों रहे हो?”

यह वाकया हिंदी न्यूज चैनल News 18 India के डिबेट शो आर-पार से जुड़ा है। सोमवार को एंकर अमिश देगवन के साथ शो में सरदाना और टिकैत थे। दोनों के बीच जोरदार चर्चा हो रही थी। सरदाना ने रवनीत बिट्टू के बयान का हवाला देते हुए कहा- हमें यही समझना चाहिए कि आंदोलन करना बहुत आसान है। ये शेर की सवारी है। जब तक आप इस पर सवार हैं, तब तक मजा आएगा। पर जब आप इससे नीचे उतरेंगे, तब आपको यही खा जाएगा। यही बात हर राजनीतिक पार्टी और किसान नेता को समझनी पड़ेगी। शुरू करना बहुत आसान है, पर खत्म करना बहुत कठिन, क्योंकि हम कभी योजना नहीं बनाते कि हमें कहां रुकना है? हम सिर्फ आंख बंदकर के चलते रहते हैं। और, आज वही हुआ।

वह आगे बोले, “हमें (किसानों) नहीं मालूम था कि हम केंद्र की किस बात को मानेंगे। बस एक ही रट थी। सरकार ने जब दूसरा प्रस्ताव दिया, तब किसान नेताओं को समझ नहीं आया कि क्या किया जाए। किसान पुरानी नीति पर ही चलते रहे। पर हकीकत में किसानों के पास कोई नेता भी नहीं था, जो केंद्र के साथ बात कर सके।”

टिकैत इसी पर कड़े लहजे में बोले- हमारे पास नेता भी हैं और हम बातचीत में सक्षम भी हैं। जब आपका मन करे…महीने, दो महीने, साल-दो साल…सरकार को जब फुर्सत हो जाए, जब दिमाग ठीक हो गए, जब ज्ञान हो जाए, तब बात कर लेना। हमें कोई जरूरत नहीं है बात करने की। हम दिल्ली में ही रहेंगे। दिल्ली के बाहर बॉर्डर पर बैठेंगे। आपके पास नहीं। देखें, आगे ऐसा क्या हुआ, जो टिकैत सरदाना पर बरसने लगेः