किसान आंदोलन को लेकर अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है और किसान कानून वापसी की मांग लेकर अड़े हुए हैं। एबीपी न्यूज पर हुए इंटरव्यू में जब राकेश टिकैत से पूछा गया कि जब संसद में पीएम मोदी ने कह दिया है कि किसी भी कानून में संशोधन संभव है, आप घर लौट जाइए तो आप आंदोलन वापस क्यों नहीं लेते? इसपर टिकैत ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को भी ग़लत कागज-पत्तर पकड़ाते हैं।’ ऐंकर सुमित अवस्थी ने पूछा, प्रधानमंत्री को गुमराह किया जा रहा है, कौन कर रहा है? इसपर टिकैत ने जवाब दिया कि पीएमओ के अधिकारी ग़लत कागज़ दे रहे हैं।
टिकैत ने कहा, ‘उनसे एक बयान दिलवा दिया गया कि गन्ने का भुगतान सरकार करेगी।’ सुमित अवस्थी ने कहा, आपने प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना बड़ा आरोप लगाया है। इसपर टिकैत ने कहा, वह देश का प्रधानमंत्री है, किसी पार्टी का नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जो कमेटी बनी है उससे सरकार बात करे।’ सुमित अवस्थी ने कहा, आप बीजेपी को लेकर सॉफ्ट हैं, आप मोदी जी का नाम नहीं लेते, योगी जी का नाम नहीं लेते। आप कहते हैं वोट भाजपा को दिया है।
राकेश टिकैत ने कहा, ‘मैं तो किसी का भी नाम नहीं लेता। वोट का अधिकार सबका है। मैं बताता हूं कि मैंने बीजेपी को वोट दिया है। आप बताइए आपने किसको वोट दिया।’ सुमित अवस्थी ने कहा, यह मेरा अधिकार है कि मैं न बताऊं कि किसको वोट दिया। सुमित अवस्थी ने राकेश टिकैत से भावुक होने वाली बात का जिक्र करते हुए पूछा, अब गाजीपुर बॉर्डर सुर्खियों में है और सिंघु बॉर्डर चर्चा में नहीं है। इसपर टिकैत ने कहा, हमारा पंच भी वही है, हमारा पक्ष भी वही है। फैसला वहीं होगा।
26 जनवरी की हिंसा पर ऐंकर ने पूछा, ऐसा लग रहा था कि आंदोलन खत्म हो रहा है। शाम होते- होते आपके आंसू आ गए। इतना मजबूत आदमी रोता क्यों है? टिकैत ने कहा, जब 3-4 लाख ट्रैक्टर वापस गए तो अफवाह उड़ी की आंदोलन खत्म हो रहा है। पुलिस के लाठी चलाने से फर्क नहीं पड़ता है। किसान के पीछे गुंडे, फिर पुलिस और फिर बैरिकेडिंग। तो क्या गुंडों से आंदोलन खत्म करवाया जाएगा? राकेश टिकैत ने कहा, ये मेरे नहीं, किसान के आंसू थे। अवस्थी ने कहा, आपके आंसुओं ने आपको बड़ा बना दिया। जवाब मिला- अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।