केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि इस बार दिवाली में वो अपने घर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा है कि इस बार की दिवाली वो दिल्ली सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ मनाएंगे। टिकैत ने कहा कि सरकार ने अगर किसानों की मांगें नहीं मानी तो इस महीने की 27 तारीख से आंदोलन को नया रूप दिया जाएगा।

वहीं भाकियू की तरफ से राकेश टिकैत का एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें वो बुंदेलखंड में किसानों की हालत को लेकर रिपोर्टिंग करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में राकेश टिकैत अपने हाथ में माइक लिए हुए हैं और एक किसान के घर जाकर उनकी हालत दिखा रहे हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि सात एकड़ के किसान का मकान जर्जर हो चुका है और खाने की चीजें नहीं है। बुंदेलखंड के किसानों की आर्थिक बदहाली को देखते हुए टिकैत ने कहा कि आखिर ये इस हालात में जिंदा कैसे हैं?

बता दें कि 2 नवंबर मंगलवार को राकेश टिकैत यूपी के ललितपुर में मृतक किसानों के घर पहुंचे थे। अपने दो दिवसीय कार्यक्रम में उन्होंने किसानों का हाल जाना। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के किसानों की फिक्र किसी को नहीं है। यहां माफिया किसानों का हक खा ले रहे हैं। मजबूरी में यहां का किसान आत्महत्या कर रहा है।

27 नवंबर से आंदोलन करेंगे तेज: पिछले 11 महीने से दिल्ली की सीमा पर संयुक्त किसान मोर्चा केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। लेकिन सरकार और किसान संगठनों के बीच बने गतिरोध का कोई हल नहीं निकल पाया है। ऐसे में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि 26 नवंबर तक सरकार के पास समय है।

उन्होंने कहा कि, 26 तक अगर सरकार किसानों के हित में फैसला नहीं लेती है तो 27 नवंबर से आंदोलन को नया रूप देंगे। फिर से अपनी पूरी ताकत से दिल्ली की घेराबंदी की करेंगे। टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को हल्के में लेने की गलती ना करे। किसानों के सामने और भी कई समस्याएं हैं। डीजल के बढ़ते दामों ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात की थी, लेकिन आए दिन यह घटती जा रही है।