तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। आज तक के कार्यक्रम ‘सीधी बात’ में एंकर प्रभु चावला ने जब किसान नेता राकेश टिकैत से पूछा कि कृषि बिल को सरकार क्यों वापस लें? एक लाइन में समझा दीजिए। इसपर राकेश टिकैत ने जवाब दिया कि ‘जो घाटे की खेती हो रही है, जो गांव का आदमी है उसको बिल के बारे में कुछ भी नहीं पता है…वो अपनी फसल किस रेट में बेच रहा है। इसपर प्रभु चावला ने कहा कि एमएसपी तो घोषित की जा चुकी है। एमएसपी पर माल तो खरीदा जा रहा है। इसपर राकेश टिकैत ने कहा कि कहां खरीदा जा रहा है कौन खरीद रहा है? तब प्रभु चावला ने जवाब दिया कि उत्तर प्रदेश में खरीदा जा रहा है। इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसे कहने से क्या होता है, खरीदारी कागज़ों पर होती है क्या।
आपको बता दें कि एमएमसपी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (08-02-2021) को संसद में भी जवाब दिया। पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि ‘एमएसपी था और रहेगा। ऐसे में किसानों को अपना आंदोलन खत्म करना चाहिए। सरकार ने उनसे बातचीत की है और आगे भी चर्चा को तैयार है। आंदोलन खत्म होना चाहिए और चर्चा जारी रहनी चाहिए।’
पीएम के इस बयान के बाद राकेश टिकैत का जवाब भी आया। राकेश टिकैत ने कहा कि अगर वो बातचीत करना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं। लेकिन हमारा पंच भी वही है और मंच भी वही है। इन बिलों को वापस लेकर एमएसपी पर कानून बनाना चाहिए।
किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राज्यसभा में विपक्ष को भी जवाब दिया। पीएम ने कहा कि, ‘शरद पवार, कांग्रेस और हर सरकार ने कृषि सुधारों की वकालत की है…लेकिन आज मैं हैरान हूं कि उन्होंने अचानक यूटर्न क्यों ले लिया? आप आंदोलन के मुद्दों को लेकर इस सरकार को घेर लेते लेकिन साथ-साथ किसानों को कहते कि बदलाव बहुत जरूरी है तो देश आगे बढ़ता।
मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आजादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाजार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था..लोगों को गर्व होना चाहिए कि देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था, वो मोदी को करना पड़ रहा है।’