कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। जहां सरकार लगातार किसानों को बदलाव स्वीकार करने के लिए मनाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, किसानों ने साफ कर दिया है कि वे सरकार से तब तक आगे की चर्चा नहीं होगी, जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता। हालांकि, इस बीच कृषि संगठनों के बीच ही दरार पड़ती नजर आ रही है। दरअसल, आंदोलन का हिस्सा बने राष्ट्रीय किसान मजदूर (RKMS) संगठन ने सरकार से बातचीत के लिए तैयार होने की बात कह दी है। ऐसे में अब प्रदर्शनों के बंटने का खतरा पैदा हो रहा है।

क्या है RKMS की मांग?: राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय संयोजक सरदार वीएम सिंह ने कहा “बाकी संगठन सरकार से बात करें या न करें, पर हम बात करने को तैयार हैं। हमारी मुख्य मांग MSP गारंटी कानून है, बाकी बातचीत में देखेंगे।” वीएम सिंह के इस बयान से साफ है कि जहां एक तरफ ज्यादातर किसान संगठन पूरी तरह सरकार के खिलाफ हैं, वहीं वे सरकार से अगले राउंड की बातचीत के लिए तैयार हैं।

सरदार वीएम सिंह ने आगे कहा, “हम एमएसपी पर आश्वासन चाहते हैं। हम इसके तहत अपनी उपज की खरीद की गारंटी चाहते हैं. एमएसपी गारंटी विधेयक लाने पर किसान लाभान्वित होंगे।” दूसरी तरफ उत्‍तर प्रदेश के एक और किसान नेता डूंगर सिंह ने कहा कि हम आलू, गन्‍ना, अनाज, सब्‍जी और दूध समेत सभी उपज पर एमएसपी चाहते हैं। हम लिखित रूप ये यह गारंटी नहीं चाहते हैं। लेकिन हम एमएसपी के लिए एक कानून चाहते हैं।

दूसरी तरफ सिंंघु बॉर्डर से संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने ऐलान किया है कि कल 11 बजे शाहजहांपुर (राजस्थान) से जयपुर-दिल्ली वाला जो रोड है उसे रोकने के लिए हज़ारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर मार्च करेंगे:

मेनका गांधी के दूर के रिश्तेदार हैं वीएम सिंह: भारतीय राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह उर्फ वीरेंद्र मोहन सिंह वर्तमान समय में ऑल इंडिया किसान संघर्ष समिति के संयोजक हैं। 61 साल के वीएम सिंह मेनका गांधी के दूर के रिश्तेदार बताए जाते हैं। इनका मूल निवास लखनऊ में है। दिसंबर 2015 में इन्होंने पॉलिटिकल पार्टी राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ पार्टी बनाई थी। इससे यह चुनाव भी लड़ चुके हैं. इसके अलावा 2007 और 2012 में एआईटीसी से टिकट लेकर भी चुनाव लड़े हैं।