दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। इसके बावजूद भी किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध जारी है। अभी तक कोई भी समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। देशभर से आए किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। जारी गतिरोध के बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि 2021 आंदोलन का साल है। इस बार किसान न तो सरकार को और न ही खेत को छोड़ेगा।

न्यूज 24 पर आयोजित कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये 2021 का साल आंदोलन का साल है। किसान न तो आंदोलन छोड़ेगा, न ही खेत को छोड़ेगा और न सरकार को छोड़ेगा। सरकार दिल्ली छोड़ कर भाग चुकी है और हम उनके इंतजार में बैठे हैं। साथ ही राकेश टिकैत ने जब तक सरकार हमसे बातचीत नहीं करेगी, हम दिल्ली के बॉर्डरों से नहीं हटने वाले हैं। इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अब आंदोलन दिल्ली के साथ ही देशभर में चला गया है और दिल्ली के आंदोलन को गाँव के लोग चला रहे हैं। 

इसी कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को गाँव के लोग घुसने ही नहीं दे रहे हैं। सरकार पूरी तरह से गायब हो चुकी है। गाँव के लोगों ने तो एलपीजी, एमएसपी जैसे मुद्दों की लिस्ट बनाकर रखी है लेकिन वे गाँव में ही नहीं जा रहे हैं। साथ ही राकेश टिकैत से जब यह पूछा गया कि लोग आंदोलन के समर्थन में अपनी फसल बर्बाद कर रहे हैं। इसपर जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को लगता था कि खेती का समय आते ही किसान आंदोलन को छोड़कर वापस से अपने गाँव चले जायेंगे। इसी चक्कर में किसानों ने अपनी फसल बर्बाद करनी शुरू कर दी। लेकिन हमने लोगों से आग्रह किया कि वे अपनी फसलों को बर्बाद नहीं करें।

आगे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने लोगों से आग्रह किया है कि ये फसल आंदोलन के समय की है। इसलिए इसकी कटाई करके अपने ट्रैक्टरों में रखें। अगर प्रधानमंत्री के कहे अनुसार इन फसलों पर एमएसपी नहीं मिलती है तो ट्रैक्टर सहित दिल्ली चलेंगे। दिल्ली में संसद में जाकर ही सभी फसलों को बेचेंगे। वहां पक्के तौर पर एमएसपी पर ही फसल बिकेगी। साथ ही राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के दिल्ली कूच के दौरान जो भी विभाग हमें रोकने की कोशिश करेगा उन्हें ही किसानों की फसल खरीदनी पड़ेगी।

पिछले दिनों राकेश टिकैत ने दावा किया है कि इसी महीने किसान आंदोलन के समर्थन में एक भाजपा सांसद का इस्तीफा होगा। हालांकि टिकैत ने अभी उस सांसद के नाम का खुलासा नहीं किया है। इतना ही नहीं सभी किसान नेता उन पांचों राज्यों में भी जाने वाले हैं जहाँ विधानसभा चुनाव होने को हैं। किसान नेता वहां लोगों से भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह करेंगे।