शनिवार को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे हो गए। कृषि कानूनों पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध बना हुआ है। इसी बीच एक इंटरव्यू के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगली बार जब भी कृषि मंत्री से बात हो तो उसका लाइव टेलीकास्ट किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैसे यह आंदोलन ख़त्म हो सकता है।
एबीपी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब कृषि मंत्री को पूरी शक्ति मिल जाएगी तब बातचीत भी हो जाएगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब भी मीटिंग के दौरान कृषि मंत्री के पास कोई सवाल आता है तो उसका जवाब ढूंढने के लिए वे दूसरी जगह जाते हैं। इसलिए अबकी बार जब भी मीटिंग हो तो उसका लाइव टेलीकास्ट करा दिया जाए। इससे जनता भी देख लेगी।
इसके अलावा किसान आंदोलन को ख़त्म करने के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अबकी बार की मीटिंग में यही कहेंगे कि इन कानूनों को वापस ले लो। एमएसपी पर कानून बना दो। एक कमिटी बना दो जो सभी मसलों को देखेगी। क्योंकि सरकार से बात करने के लिए बहुत सारे मसले हैं। वो कमिटी बातचीत करती रहेगी और आंदोलन ख़त्म हो जाएगा।
वहीं किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों से आंदोलन को ख़त्म करने की अपील की। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मैं सभी किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उनको अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए। सरकार ने उनके साथ 11 दौर की बातचीत की है. कृषि सुधार कानून किसानों के हक़ में है। इन कानूनों के समर्थन में किसानों का एक बड़ा हिस्सा खड़ा है। लेकिन फिर भी भारत सरकार कानून के किसी भी प्रावधान पर बात करने के लिए तैयार है और उसका निराकरण करने के लिए भी तैयार है।
शनिवार को किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर देशभर के किसानों ने अपने अपने राज्य के राजभवन पर जाकर प्रदर्शन किया और राज्यपाल को अपना ज्ञापन सौंपा। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में तीनों कृषि कानूनों को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को कृषि मंडी के ऊपर कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए राष्ट्रपति केंद्र सरकार को तीनों कानूनों को रद्द करने का निर्देश दे।