किसानों के आंदोलन को यूपी के चुनाव से पहले पूर्वांचल में शिफ्ट करने की आंदोलनकारी नेताओं के बयान के बाद इसको लेकर राजनीति और तेज हो गई है। टीवी चैनल आजतक पर एंकर सईद अंसारी के साथ डिबेट में इस मुद्दे के सवाल पर किसान नेता चौधरी पुष्पेंद्र सिंह ने चेतावनी दी कि वोट के चोट के माध्यम से भाजपा की रावण सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।
उन्होंने कहा, “जो निष्ठुर सरकार, क्रूर सरकार, निर्दयी सरकार या जो है तानाशाही सरकार होती है जो सत्ता के नशे में और एबसल्यूट मेजारिटी के दंभ में गलत नीतियां बनाती है, किसानों को कुचलने का काम करती है, उसको हटाने का जो कर्तव्य है इस देश की जनता का और क्योंकि यूपी का चुनाव आने वाला है और अन्य पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं तो वोट की चोट के माध्यम से इनको हटाया जाएगा।”
वे बोले, “हम लोगों ने माना था कि ये रामचंद्र हैं ये रामजी हैं, और सत्ता में इनको बैठाया। बाद में पता चला कि ये रावण निकले। अब रावण को कहां मारा जाता है, उसकी नाभि में अटैक किया जाता है। उनकी नाभि वोट है। वोट के माध्यम से इनको समाप्त किया जाएगा।”
एंकर सईद अंसारी ने जब उनके बयान पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया से जवाब मांगा तो उन्होंने कहा, “रावण वो है जो किसानों को कंधे पर बंदूक चलाता है। रावण वो है जो कहता है कि तेरा बक्कल उखाड़ दूंगा। रावण वो है जो कहता है हाय-हाय मोदी…। जो यह बोलते हैं वो सुन लें। उत्तर प्रदेश का चुनाव आ रहा है। चुनाव में जनता समझा देगी।”
इधर, इस तरह के बयानबाजी से पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 नवंबर को किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर दिल्ली के तीनों बार्डर पर शक्ति प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। साथ ही 29 नवंबर से संसद के सत्र के दौरान हर दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने का काम शुरू होगा। हालांकि दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है।
उधर, आंदोलन के विरोध में भाजपा की ओर से बीजेपी किसान मोर्चा 16 से 30 नवंबर के बीच पूरे उत्तर प्रदेश में अपनी ट्रैक्टर रैलियां निकालने जा रहा है। इसकी शुरुआत पूर्वांचल के मऊ से होगी। इसमें किसानों के लिए सरकार के द्वारा किए गए कामों को गिनाया जाएगा।