बीते 7 महीने से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसान आंदोलन से जुड़े मुद्दे पर एक टीवी डिबेट के दौरान किसान नेता ने भाजपा प्रवक्ता के दावों की हवा निकाल दी। इसके अलावा किसान नेता ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा किसानों की शहादत को लेकर दिए गए बयान की भी निंदा की।

दरअसल न्यूज 24 पर आयोजित टीवी डिबेट के दौरान एंकर संदीप चौधरी ने भाजपा प्रवक्ता इक़बाल सिंह लालपुरा से सवाल पूछते हुए कहा कि जब 5 जून को अध्यादेश पारित किया गया और बाद में तीनों कृषि कानूनों को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली तो उससे पहले संसद में कितनी बार इसपर चर्चा हुई। इसके जवाब में भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नीति आयोग ने चर्चा की थी। एंकर ने भाजपा प्रवक्ता के इस जवाब पर कहा कि आप नीति आयोग की बात छोड़ दीजिए, ये बताइए कि संसद में कितनी बार बात हुई थी। इसपर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संसद में चर्चा तब होगी जब वहां बिल लाया जाएगा।

आगे एंकर ने भाजपा प्रवक्ता से सवाल पूछा कि आप इन कानूनों के जरिए जिन किसानों का भला करना चाहते थे उससे आपने कितनी बार बात की या कितने किसान संगठनों से बात की। इसपर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि नीति आयोग ने सभी लोगों से बात की। कई मुख्यमंत्रियों से भी बात की गई। कुछ लोगों ने इसे गंभीर तौर पर नहीं लिया जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी शामिल थे। आगे जब एंकर ने कहा कि आपने कितने किसान संगठनों से बात की तो भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि आप ये बात किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल से पूछ लीजिए।   

  

भाजपा प्रवक्ता के इन दावों पर डिबेट में मौजूद रहे किसान नेता मेजर सिंह पुन्नावल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के 40 किसान संगठनों सहित देशभर के किसी किसान संगठनों से सरकार ने बात नहीं की। सरकार ने भाजपा के किसान संघ से भी इसको लेकर चर्चा नहीं की। सरकार ने तो किसानों को पूछा ही नहीं। हम बार बार यह कह रहे हैं कि हमें इन कानूनों की जरूरत नहीं है।  

टीवी डिबेट में मौजूद रहे एक और किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा किसानों की शहादत को लेकर दिए गए बयान की भी निंदा की। अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि हमारे पास किसानों की शहादत के सारे रिकॉर्ड हैं। जिन भी किसानों की मौत हुई उनका पोस्टमार्टम किया गया। जब सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम हुआ तो उसका रिकॉर्ड अपने आप सरकार के पास पहुंच गया। फिर सरकार यह कैसे कह सकती है कि हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।   

बता दें कि संसद में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बयान देते हुए कहा था कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन करने के दौरान किसानों की हुई मौत के बारे में उनकी सरकार के पास कोई रिकार्ड नहीं है।