Farmers Bill 2020 को लेकर एनडीए की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल और मोदी सरकार के बीच ठन गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए से शिरोमणि अकाली दल अलग हो गई है। पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने एलान किया कि उनकी पार्टी राजग से अलग हो रही है। किसान बिल को लेकर मोदी सरकार में कैबिनटे मंत्री हरसिमरत कौर बादल पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ‘हम एनडीए का हिस्सा नहीं हो सकते हैं जो इन अध्यादेशों को लाया है। यह सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि शिरोमणि अकाली दल अब एनडीए का हिस्सा नहीं है।
इससे पहले शुक्रवार को सुखबीर के नेतृत्व में अकाली दल कार्यकर्ताओं ने मलौत-दिल्ली नेशनल हाईवे पर लंबी विस क्षेत्र में तीन घंटे तक चक्का जाम किया। बादल के साथ उस दौरान पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर भी थीं। बादल दंपति धरनास्थल पर विरोध स्वरूप करीब आठ किलोमीटर ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था, पंजाब के किसानों के लिए अकाली दल आगे आकर नेतृत्व कर सकता है या फिर पीछे से उन्हें देख भी सकता है…हमारे साथ अहंकार का कोई मुद्दा नहीं है।
हमारा काम किसानों के अधिकारों के लिए लड़ना है। SAD चीफ ने आगे कहा- एक अक्टूबर को हमारी पार्टी के समूह तख्त दमदमा साहिब, अकाल तख्त और तख्त केशगढ़ साहिब से चंडीगढ़ की ओर किसान मार्च के तौर पर शुरुआत करेंगे।
बता दें कि हरसिमत कौर बादल के कैबिनेट इस्तीफे के 9 दिन बाद ही अकाली दल ने भी एनडीए से हाथ वापस खींच लिए हैं।शुक्रवार को पंजाब में किसान बिल के विरोध में राज्यव्यापी बंदी देखने को मिली थी। इससे पहले भी सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि किसानों के हित के लिए अकाली दल कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार है। बता दें कि अकाली दल बीजेपी की पुरानी सहयोगी रही है। 13 दिन की अटल बिहारी वाजपेयी वाली सरकार में भी अकाली दल ने बीजेपी को समर्थन दिया था। अकाली दल के मुखिया रहे प्रकाश सिंह बादल एनडीए गठबंधन के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं।