राज्यसभा ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 (फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल 2020) और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 (फार्मर्स (एम्पॉवरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विस बिल 2020) को मंजूरी दी। इन विधेयक को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया। इसके बावजूद ध्वनि मत से ये विधेयक राज्यसभा से पास हो गए। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही कल सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

कांग्रेस नेताओं द्वारा हंगामा किए जाने पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर  ने कहा कि राज्यसभा में चर्चा ठीक हो रही थी, बिल बहुमत से पास होने वाले थे। जब कांग्रेस को लगा कि वो बहुमत में नहीं है तो वो गुंडागर्दी पर उतर आए। आज कांग्रेस ने आपातकाल के बाद फिर एक बार ये सिद्ध कर दिया कि इस कांग्रेस का भी लोकतंत्र और प्रजातंत्र पर भरोसा नहीं है।

तोमर ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान हितैषी’ बताते हुए कहा कि किसानों की उपज की, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था के तहत खरीद हो रही है और यह आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक विधेयक हैं और इनसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आयेंगे। तोमर ने कहा कि इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलाना सुनिश्चित होगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि जहां तक न्यूनतम समर्थन मूल्य का सवाल है, इसको लेकर किसी के मन में कोई शंका नहीं रहनी चाहिए। यह व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने किसानों की उपज की लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर एमएसपी देने की सिफारिश की थी। कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान इसे लागू नहीं किया। मोदी सरकार आने के बाद इस दिशा में निर्णय किया गया।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विधेयक के राज्यसभा में पास होने पर कहा है कि “70 साल से जिस तरीके से किसानों के साथ अन्याय हो रहा था, शोषण हो रहा था, उनको आजादी दिलाने का काम सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किया है।”

नड्डा ने कहा कि “विपक्षी पार्टियां किसान विरोधी हैं और इस प्रक्रिया का हिस्सा बनने के बजाय वह किसानों की इस आजादी को रोकने का प्रयास कर रही हैं। भाजपा उनके कदम की आलचोना करती है।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कृषि विधेयकों के राज्यसभा में पास होने पर खुशी जताते हुए ट्वीट किया कि राज्यसभा में आज दो अहम कृषि विधेयक के पास होने से भारत ने आत्मनिर्भर कृषि की मजबूत नींव रख दी है। यह हमारी सरकार के समर्पण, अथक प्रयासों और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का नतीजा है।

गौरतलब है कि इससे पहले लोकसभा में भी ये दोनों कृषि विधेयक पास हो चुके हैं। लोकसभा से आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को भी मंजूरी मिल चुकी है। वहीं राज्यसभा में अभी इस बिल को मंजूरी मिलना बाकी है।

पंजाब और हरियाणा में इन विधेयक को लेकर भारी विरोध हो रहा है। लोकसभा में इन तीनों विधेयक को मंजूरी मिलने के विरोध में एनडीए की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के पद से इस्तीफा भी दे दिया था। जिसके बाद विपक्षी पार्टियां भी केन्द्र सरकार पर हमलावर हो गई थीं।

वहीं सरकार का तर्क है कि कृषि क्षेत्र में निवेश के माध्यम से और विधेयक में प्रस्तावित अन्य सुधारों से कृषि क्षेत्र में बड़े सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। सरकार के अनुसार, इन सुधारों के बाद भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी मिनिमम सेलिंग प्राइज न्यूनतम ब्रिकी मूल्य) प्राप्त होता रहेगा और राज्य कानूनों के तहत स्थापित मंडियों में भी कोई परिवर्तन नहीं होगा।