बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ जगहों पर गंगा नदी में कई शव बरामद किए गए हैं। जिसके बाद से लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। पत्रकार रवीश कुमार ने फेसबुक पर लिखा कि बहती लाशें देख आस्था आहत नहीं हो रही? कुछ तो कहिए, पीएम की तारीफ ही कर दीजिए। जिसके बाद लोगों की तरफ से कई कमेंट्स आने लगे।
रवीश कुमार ने पोस्ट में लिखा कि बहती लाशों को देख कर भी चुप्पी है। आप अपनों के प्रति भी बेईमान निकले। अब किसी की आस्था आहत नहीं हो रही है। ये सारी लाशें आस्था से बाहर कर दी गई हैं। अब इन लाशों को नदी से निकाल कर शहर के बीच में नहीं लाया जा रहा है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर भी लोग चुप हैं। कुछ तो कहिए। कुछ नहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ ही कीजिए। पुलिस केस भी नहीं करेगी।
रवीश कुमार के पोस्ट पर आशीष मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा कि पंडित जी सरकार तो अपने कार्य मे लगी है और शायद पहली बार है कि किसी प्राकृतिक आपदा या कह लीजिए ऐसा युद्ध जो कि अदृश्य ताकत के साथ लड़ा जा रहा है उसमे भी पूरी जान लगा दे रही है बाकी आप तो 2014 से ही सरकार विरोधी रहे है कुछ अच्छे कार्य कीजिये पूण्य मिलेगा।
ताराचंद चंदनानी नाम के एक यूजर ने लिखा कि मोदीजी नोटबन्दी के समय गंगा जी में बहते हुए नोटो का श्रेय तो ले लिया, अब गंगा में बहते हुए शव का भी श्रेय भी ले लीजिए। धर्मवीर यादव नाम के यूजर ने लिखा कि भक्त अभी भी अपने भगवान के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलेंगे। यही भक्ति की विशेषता है।
संजय कुमार ने रवीश कुमार पर नकारात्मकता फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि पांडेय जी क्यों सुबह सुबह लोगो मे नकारत्मकता और डर फैलाने आ जाते हो मोदी का नाम लेकर। जितने लोग कोरोना से नहीं मरते होंगे, उस से ज्यादा लोग, डर और मानसिक तनाव से मर जाते होंगे।
