ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को बुधवार को बड़ी राहत मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी 6 मामलों में अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने जुबैर को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था, जिसके बाद वे 24 दिनों के बाद बुधवार रात को जेल से बाहर आए। मोहम्मद जुबैर बुधवार रात 9 बजे के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर आए।
मोहम्मद जुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में 6 और एफआईआर दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी एफआईआर को रद्द नहीं किया है, लेकिन कहा है कि वह इन मामलों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं। साथ ही कोर्ट ने यूपी में दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर के ट्वीट्स की जांच के लिए गठित एसआईटी को भंग कर दिया।
फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक को एक लोकप्रिय हिंदी फिल्म का स्क्रीनशॉट साझा करने के चार साल पुराने ट्वीट पर गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से कुछ दिनों जुबैर ने उस क्लिप को सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसमें नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी थी।
मोहम्मद जुबैर के एक ट्वीट को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, हाथरस और सीतापुर में तीन मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें उन्होंने कुछ दक्षिणपंथी नेताओं को ‘घृणा फैलाने वाले’ कहा था। लखीमपुर में सुदर्शन न्यूज के एक कर्मचारी ने जुबैर पर अपने चैनल के इजरायल-फिलिस्तीन विवाद के कवरेज के बारे में लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज कराया।
सुप्रीम कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी
इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी मामलों में एफआईआर के तथ्य मिलते-जुलते हैं। एक मामले में बेल मिलती है तो दूसरे मामले में गिरफ्तारी हो जाती है। यह एक किस्म के दुष्चक्र जैसा लग रहा है।
