अमेरिकी अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने एक ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि जब चुनावों में कांग्रेस की हार हुई थी तो भारत में फेसबुक के एक शीर्ष पदाधिकारी ने आंतरिक कार्यालयी संवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब तारीफ की थी और कहा था कि यह तीस साल की कड़ी मेहनत का परिणाम है। फेसबुक पर इस नए खुलासे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रतिक्रिया दी है।
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भारत के लोकतंत्र और सामाजिक सद्भाव पर फेसबुक और वाट्सएप के हमले को पूरी तरह से उजागर किया है। हमारे देश के मामलों में किसी को भी हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं जा सकती है। मामले में तुरंत जांच करनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर दंडित किया जाना चाहिए।’
राहुल के अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी भाजपा और फेसबुक के सांठगांठ का आरोप लगाया और कहा कि विदेशी सोशल नेटर्विकंग कंपनी का कृत्य ‘डिजिटल साम्राज्यवाद’ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि फेसबुक इंडिया से जुड़े लोगों की जांच होने तक इस कंपनी के लंबित प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए। कांग्रेस के आरोपों पर फेसबुक और भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
International media have fully exposed Facebook’s & WhatsApp's brazen assault on India's democracy & social harmony.
No one, let alone a foreign company, can be allowed to interfere in our nation's affairs.
They must be investigated immediately & when found guilty, punished. pic.twitter.com/5tRw797L2y
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 1, 2020
इधर राहुल गांधी के ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स जमकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। दीपक यादव @spyadavdeepak लिखते हैं, ‘इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही की GDP में कमी आई है, देश के सामने अर्थव्यवस्था का बड़ा खतरा है। आत्मनिर्भर बनिए। पूड़ी-छोला, पकौड़े, बाल्टी, डलिया बनाने की ट्रेनिंग लीजिए, क्योंकि अब बेरोजगारी जैसी बातों पर बहस करना ही फिजूल है। नौकरी जिनके पास थी वो छिन गईं जिनके पास नहीं वो भी जाने वाली है।’
बलराम यादव @Baliramyadav007 लिखते हैं, ‘जनता ने कांग्रेस को 60 वर्ष तक का शासन इस विश्वास के साथ दिया था कि आम नागरिक की मूलभूत आवश्यकताएं तो अवश्य पूरी होगी, मगर झूठे सपने, धोखे के अतिरिक्त कुछ ना मिला। मोदी ने 22 घण्टे बिजली, बेहतर सड़क, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि प्रदान कर जन विश्वास रूपी दीया को बुझने नही दिया।’
इसी तरह आशु वाजपेयी @ANSHUBAJPAI1 लिखते हैं, बंदर के हाथ में उस्तरा देने का परिणाम 30 फीसदी जीडीपी गिरा दी पिछले साल की तुलना में। कब्ज़ा तो किया लेकिन चलाना किसी को नहीं आता। ऋधि जैन @Ridhijain0021 लिखती हैं, ‘राहुल गांधी ने मार्च में कह दिया था कि आर्थिक सुनामी आएगी। जिन्हें यह बात सितंबर में समझ आ रही है वो लोग पप्पू हैं।’
किशन तंवर @KishanTanwar10 लिखते हैं, ‘बेरोजगारी 45 साल में सबसे ज्यादा। प्रतिदिन COVID19 केस सबसे ज्यादा। अर्थव्यवस्था सबसे बुरे हाल में है। बॉर्डर पर चीन आंखें दिखा रहा। युवाओं में आक्रोश सबसे ज्यादा। सरकारी संपत्तियां बिक रही है। असंगठित क्षेत्र बर्बाद हो गया। क्या सरकार ‘रसोड़े’ में पकौड़े तल रही है?’