S Jaishankar Attacks Rahul Gandhi: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (8 जून, 2023) को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। एस जयशंकर ने कहा, ‘उनकी(राहुल गांधी) आदत है कि जब वो बाहर जाते हैं तो वे देश की आलोचना करते हैं, हमारी राजनीति के बारे में टिप्पणी करते हैं। एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया देख रही है कि इस देश में चुनाव होते हैं और चुनाव में कभी एक पार्टी जीतती है, कभी दूसरी पार्टी। अगर देश में लोकतंत्र नहीं है तो ऐसा परिवर्तन तो नहीं आना चाहिए…हमें पता है कि 2024 के चुनाव का नतीजा तो वही होगा।
‘दुनिया भारत को विकास के भागीदार के रूप में देखती है’
पीएम नरेंद्र मोदी के विदेश नीति के 9 साल पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यह बात कही। जयशंकर ने कहा कि हम बाहर जाते हैं और भारत की ओर से लोगों से मिलते हैं। हम समाज के विभिन्न क्षेत्र के लोगों से मिलते हैं। दुनिया, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ, भारत को एक विकास के भागीदार के रूप में देखता है। आज लोग भारत को सुनना चाहते हैं और उन्हें लगता है कि भारत के साथ काम करने से उनका प्रभाव भी तेज होगा। आज हम जो प्रभाव डाल रहे हैं, उससे हमारी परंपरा का उत्सव मनाया जा रहा है।
‘कोविड के दौरान 70 लाख लोगों को वापस लाए’
विदेश मंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान बहुत से देशों ने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। हम कोविड के दौरान फंसे हुए कम से कम 70 लाख लोगों को वापस लाए। जयशंकर ने कहा कि हम पहले जी20 अध्यक्ष हैं जिन्होंने अन्य लोगों से परामर्श करने का प्रयास किया और 125 देशों ने प्रतिक्रिया दी क्योंकि उन्हें हम पर भरोसा है।
एस जयशंकर ने आगे कहा कि दुनिया का एक बड़ा हिस्सा हमें एक विकास भागीदार के रूप में देखता है, न केवल एक विकास भागीदार के रूप में बल्कि एक विकास भागीदार के रूप में जो प्रधानमंत्री द्वारा कही गई बातों पर खरा उतरता है। हम अपने पार्टनर के साथ वो काम करते हैं जो उनकी प्राथमिकता होती है…आज भारत की दूसरी छवि एक आर्थिक सहयोगी की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत-रूस संबंध पर क्या असर पड़ा?
रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत-रूस के संबंध पर पड़े प्रभाव पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि इस युद्ध का अलग-अलग देशों पर अलग प्रभाव है। अब रूस और चीन या और किसी देश पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा वह वे खुद तय करेंगे। 1955 के बाद से विश्व में बहुत कुछ हुआ, लेकिन हमारा और रूस का रिश्ता स्थिर रहा है, क्योंकि दोनों देश यह समझते हैं कि दोनों बड़े यूरेशियन देश हैं और पूरे यूरेशिया की स्थिरता हमारे रिश्तों पर निर्भर है।
छात्रों का मुद्दा उठाया
जयशंकर ने आगे कहा कि पिछले कुछ समय से छात्रों का यह मामला आ रहा है, जिन्हें कनाडाई कहते हैं कि वे उस कॉलेज में नहीं पढ़े, जिसमें उन्हें होना चाहिए था और जब उन्होंने वर्क परमिट के लिए आवेदन किया, तो वे मुश्किल में पड़ गए। जयशंकर ने कहा कि शुरू से ही हमने इस मामले को उठाया है और हमारा कहना है कि छात्रों ने नेक नीयत से पढ़ाई की। अगर उन्हें गुमराह करने वाले लोग हैं तो दोषी पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। नेक नीयत से पढ़ाई करने वाले छात्र को सजा देना अनुचित है। मुझे लगता है कि कनाडाई भी स्वीकार करते हैं कि अगर किसी छात्र ने कोई गलती नहीं की है तो यह अनुचित होगा।