कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग पर अड़े किसान संगठनों ने शनिवार को देश भर में चक्का जाम करने का आह्वान किया है। हालांकि, हिंसा की आशंका के कारण दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को चक्का जाम से अलग रखा गया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘हमारे पास पुख्ता सबूत थे कि कुछ लोग चक्का जाम के दौरान हिंसा फैलाने की कोशिश करते। हमारे पास पक्की रिपोर्ट थी। हमने जनहित को देखते हुए इन राज्यों को चक्का जाम से अलग रखा है।’

चक्का जाम शनिवार को दोपहर बारह बजे से तीन बजे तक रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि इस दौरान देश भर के सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को रोका जाएगा। एंबुलेंस और स्कूल बस जैसी आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं को नहीं रोका जाएगा। चक्का जाम शांतिपूर्ण होगा। दिल्ली-एनसीआर में कोई चक्का जाम नहीं होगा। दिल्ली के अंदर जाने वाली सभी सड़कें खुली रहेंगी। यहां किसानों का विरोध पहले से ही जारी है। चक्का जाम के कारण दिल्ली और गाजियाबाद को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि गाजीपुर-गाजियाबाद (यूपी गेट) सीमा पूरी तरह से बंद है। दिल्ली-मेरठ, एनएच-9 और एनएच-24 के सभी छह लेन बंद हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि यूपी और उत्तराखंड में किसान चक्का जाम नहीं करेंगे। गन्ना कटाई होने और चीनी मिलों पर गन्ने पहुंचने के मद्देनजर ये निर्णय लिया गया है। तहसील और कलेक्ट्रेट स्तर पर अधिकारियों को ज्ञापन दिया जाएगा। टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन एकता (उग्राहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने एलान किया कि कृषि कानूनों पर केंद्रीय स्तर पर तब तक बात नहीं होगी, जब तक जेलों में बंद किसानों को रिहा नहीं किया जाएगा।

दूसरी ओर, किसानों के प्रस्तावित चक्का जाम से निपटने के लिए हरियाणा में पुलिस ने तैयारी शुरू कर दी है। हरियाणा एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) ने पूरे प्रदेश के एसपी और कमिश्नरों को निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि स्थिति से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाए और खुफिया नेटवर्क तैयार रहे। साथ ही बचाव के सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।

दिल्ली में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम
कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को प्रस्तावित ‘चक्का जाम’ से पहले प्रदर्शन स्थलों के आसपास दिल्ली पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सुरक्षा में पुलिस के कमांडो के साथ सीआइएसएफ और आरएएफ के जवान भी उनकी मदद करेंगे। केंद्र ने 26 जनवरी को लालकिले पर हुई घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दिल्ली पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों की पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस को न्यूनतम बल प्रयोग करने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि सुरक्षाकर्मियों के लिए खतरा बनने वाले लोगों से सख्ती से निपटा जाए।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ये निर्देश केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में जारी किए गए। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। दिल्ली पुलिस को संसद भवन, इंडिया गेट जैसे राष्ट्रीय महत्व के स्थानों पर अभेद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।

दिल्ली के पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की और पड़ोसी राज्यों के पुलिस प्रमुख से संपर्क कर ऐसे तत्वों पर नजर रखने के निर्देश दिए जो बीते दिनों दिल्ली में हंगामा कर सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दे गए हैं। 26 जनवरी को हुई हिंसा का शिकार बनी दिल्ली पुलिस अब कोई भी जोखिम लेने को तैयार नहीं है। इसीलिए पुलिस अपनी तैयारियां पुख्ता कर रही है।

चक्का जाम के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अर्धसैनिक बलों के अतिरिक्त जवानों की तैनाती के अलावा बहुस्तरीय अवरोधक, कंटीले तार तथा सड़कों पर नुकीली कीलें लगाई गई हैं। सिंघू बार्डर, टिकरी बार्डर और गाजीपुर बार्डर पर जमा किसान नेताओं की ओर से ऐसा कोई पुख्ता बयान नहीं आया है कि वे कहां-कहां प्रदर्शन करेंगे। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने बार्डर के साथ ही अन्य संवेदनशील जगहों पर पुलिस जवानों की तैनाती का फैसला किया है।

दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि इस दौरान हम सोशल मीडिया संबंधी सामग्री पर नजर रख रहे हैं जिससे कि पुलिस के खिलाफ अफवाह न फैलाई जा सके। हम अन्य राज्यों के पुलिस बलों के संपर्क में भी हैं। प्रस्तावित ‘चक्का जाम’ के मद्देनजर सुरक्षा प्रबंधों के बारे में चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर पर्याप्त बंदोबस्त किए हैं जिससे कि शरारती तत्व राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश न कर सकें।

पुलिस उपायुक्त पूर्वी जिला दीपक यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी सावधानी के तौर पर हमने पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए हैं। जिले में सभी सभी सीमा बिंदुओं पर अतिरिक्त चौकी होंगी। दिल्ली पुलिस ने निर्णय किया है कि अगर प्रदर्शनकारी जबरन यातायात रोकते हैं तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम से भी कहा है कि शनिवार को नई दिल्ली समेत और अन्य स्टेशनों को बंद करने के लिए तैयार रहें। खासकर वो मेट्रो स्टेशन जो सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बार्डर के करीब पड़ते हैं।