जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव में कई विसंगतियां हैं। निर्वाचन आयोग ने किश्तवाड़ जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव रखा है। यहां की जनसंख्या 2,30,696 है। अगर यहां तीन विधानसभा क्षेत्र बनाए जाते हैं तो एक विधानसभा की जनसंख्या 76,898 रह जाएगी, जो कि औसत जनसंख्या 1,36,300 से 59,482 (43.64 फीसद) कम रह जाएगी। इसी तरह कश्मीर क्षेत्र में तीन विधानसभा क्षेत्र कम करने का प्रस्ताव है। इनमें श्रीनगर जिले की जनसंख्या 12,36,829 है, वहां आयोग नौ सीटों के स्थान पर आठ सीटें बनाना चाहता है। तब एक विधानसभा में 1,54,603 जनसंख्या आएगी और औसत जनसंख्या से 17,303 (12.69 फीसद) अधिक होगी।
आयोग के प्रस्ताव के अनुसार 46 विधानसभा क्षेत्रों की जनसंख्या औसतन 1,36,300 से अधिक या कम है। 21 विधानसभा क्षेत्र की जनसंख्या औसत जनसंख्या से भी कम है और 25 विधानसभा क्षेत्रों की जनसंख्या अधिक है। एक विधानसभा 37,992 (-75.13फीसद) व दूसरी ओर 1,92,381 (+41.14 फीसद) पर बनाई गई है। यह शायद भारत में किसी भी आयोग द्वारा परिसीमन में सबसे बड़ा अंतर होगा, जो कि गैरकानूनी, असंगत और भेदभावपूर्ण कार्य होगा।