जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने पंचायत चुनावों के बाद अब लोकसभा और विधानसभा चुनावों का भी ​बहिष्कार करने का ऐलान किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है कि अगर केंद्र ने अपना रुख संविधान के अनुच्छेद 35ए और 370 पर साफ नहीं किया तो वह पंचायत चुनावों की तरह ही लोकसभा और विधानसभा चुनावों का भी बहिष्कार कर देंगे। ये बातें फारुख अब्दुल्ला ने श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं।

फारुख अब्दुल्ला ने कहा,”जब बाजपेयी (अटल बिहारी) जैसा आरएसएस का नेता प्रधानमंत्री रहते हुए पाकिस्तान जा सकता है और वह कहते थे कि वह भारत की जनता के नेता हैं। इसके अलावा भारत पाकिस्तान को बतौर मुल्क स्वीकार करता है और उसके साथ दोस्ती करना चाहता है। अगर हम अपने पड़ोसी के दोस्त हैं तो हम दोनों ही खुशहाल होंगे। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस बारे में सोचेंगे और काम करेंगे।”

फारुख अब्दुल्ला ने आगे कहा,” जिस तरीके से मीडिया सिद्धू को निशाना बना रहा है, ये दिखाता है कि यही वो तत्व हैं जो नहीं चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार आए। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में ऐसे लोग मौजूद हैं जो नहीं चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच में शांति स्थापित हो। लेकिन जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए, भारत और पाकिस्तान की दोस्ती जरूरी है।”

फारुख अब्दुल्ला यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा,”कभी किसी मुस्लिम ने किसी हिंदू या ईसाई से अपने धर्म को बदलने के लिए नहीं कहा है। लेकिन जब वे हमें बताते हैं कि किसी खास तरीके से नमाज अदा न करें या अजान रोक दें, वे गांधी के भारत को बदलना चाहते हैं। अगर वे देश को बचाना चाहते हैं तो उन्हें सभी धर्मों को बराबर सम्मान देना होगा।”