मणिपुर में जो कुछ हुआ उसके लिए वहां की बीजेपी सरकार के सीएम कांग्रेस को जिम्मेदार मानते हैं। उनका कहना है कि या सारा कांग्रेस की देन है जिसके चलते वहां पर हिंसा भड़की। एन बिरेन सिंह आज दिल्ली में थे। उनकी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी। उनका कहना था कि राहुल गांधी लद्दाख में होते हैं तो उनको वहीं की बात करनी चाहिए उन्हें वहां जाकर मणिपुर के बारे में नहीं बोलना चाहिए।

बिरेन सिंह का कहना है कि वो आज अमित शाह से मिलने आए थे। मणिपुर के हालात पर चर्चा हुई। बिरेन का कहना था कि पीएम मोदी और अमित शाह की वजह से ही आज सूबे के हालात सामान्य होने की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। जो कुछ शाह ने कहा उसके बाद लोगों को सच का पता चला और उनका सिस्टम में फिर से विश्वास बहाल हुआ। उनका कहना था कि वो मणिपुर को चलाने के लिए शाह का मार्गदर्शन लेते रहेंगे।

अमित शाह ने उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर चर्चा की गई। मणिपुर के मसले पर भी इसमें मंथन किया गयाा। दो दिवसीय सम्मेलन में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरती चुनौतियों पर बात की।

ये वजहें रहीं मणिपुर में हिंसा भड़कने के पीछे

मैतेई यूनियन मैतेई समुदाय को आदिवासी दर्जा देने की मांग कर रही है। मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इस सिफारिश में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने मैतेई समुदाय को आदिवासी दर्जा देने का आदेश दे दिया।

आरक्षण विवाद के बीच मणिपुर सरकार ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। सरकार का कहना है कि आदिवासी समुदाय के लोग संरक्षित जंगलों में गैरकानूनी कब्जा करके नशीले पदार्थों की खेती कर रहे हैं। इसके बाद वहां हिंसा शुरू हो गई। हिंसा के बीच कुकी विद्रोही संगठनों ने भी 2008 में हुए केंद्र सरकार के साथ समझौते को तोड़ दिया। उसके बाद हालात बेलगाम हो गए। इस दौरान दो महिलाओं को नग्न करके घुमाने का सामना आया।