रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है, लेकिन मध्य प्रदेश के बालाघाट में रहने वाली संघमित्रा खोबरागड़े के लिए यह दिन हर साल आंखों में आंसू और एक लंबा इंतजार लेकर आता है। वह पिछले करीब 14 सालों से अपने इकलौते भाई प्रसनजीत रंगारी को राखी बांधने के लिए तरसती हैं। वह पाकिस्तान की कोट लखपत सेंट्रल जेल में बंद है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तान के लिए डाक और कूरियल सेवाएं बंद हो गई थीं। इसकी वजह से अभी तक संघमित्रा का अपने भाई को लिखा भावुक पत्र भी नहीं पहुंच पाया है। वह अपने मैसेज में अपनी गहरी तड़प के बारे में लिखती है।

बहन ने अपने भाई को लिखा पत्र

अपने भावुक पत्र में संघमित्रा ने लिखा, ‘भाई, रक्षाबंधन पर मुझे आपकी बहुत याद आती है। मैं आपको राखी भेजना चाहती हूं, लेकिन आप भारत से बहुत दूर हैं। मैं आपको राखी भेजना चाहती हूं और मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार प्यार से भेजी गई इस राखी को स्वीकार करके पाकिस्तान के लाहौर स्थित कोट लखपत जेल भेज देगी, ताकि एक बहन की अपने भाई को राखी बांधने की इच्छा पूरी हो सके। हर बहन अपने भाई को राखी बांधती है, लेकिन मैं एक बदकिस्मत बहन हूं जो ऐसा नहीं कर सकती। मां आपको बहुत याद करती है और आपका इंतजार करती है। आपकी भतीजियां भी आपको याद करती हैं और आपसे मिलना चाहती हैं।’

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परिवार ने छोड़ दी थी उम्मीद

प्रसन्नजीत फार्मेसी का एक बहुत ही होशियार छात्र था। वह कुछ साल पहले घर से गायब हो गया था। परिवार ने उनके जिंदा मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी। 2021 में उन्हें पता चला कि वह लाहौर की कोट लखपत जेल में हैं। वह पाकिस्तान किस तरह से पहुंचा इस बात की जानकारी अभी तक सामने नहीं आ पाई है। उनके पिता तो बेटे की वापसी की राह देखते देखते ही चल बसे, वहीं मां भी अब मानसिक तौर पर अस्वस्थ हैं। संघमित्रा भाई की रिहाई के चक्कर काटते-काटते परेशान हो गई हैं। पहले से ही गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे परिवार को उम्मीद है कि अधिकारी जल्द कार्रवाई करेंगे ताकि एक दिन उनके लिए रक्षाबंधन फिर से सचमुच एक उत्सव बन सके। रक्षाबंधन पर मुंबई की मुस्लिम युवती बांधती है गुजरात के हिंदू भाई को राखी