ईएसआइसी स्कीम का कवर अब कोविड से होने वाली मौत पर भी मिलेगा। यह स्कीम दरअसल काम के दौरान होने वाले हादसों के लिए बनाई गई है। इस बाबत की गई सरकारी घोषणा के अनुसार एम्प्लायीज़ डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (ईडीएलआइ) स्कीम की सुविधा ईपीएफओ के तरह पंजीकृत सदस्यों को भी दिया जाएगा।
सरकार ने कहा है कि कोविड से मरने वाले व्यक्ति के आश्रितों मृतक के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी धन के बराबर की पेंशन के हकदार होंगे। यह सुविधा पिछले साल 24 मार्च से 24 मार्च 2022 तक उपलब्ध रहेगी। इस बारे में विस्तृत जानकारी सरकार सोमवार को जारी करेगी।
समझा जाता है कि ईएसाइसी पेंशन की सुविधा हर उस वयक्ति के आश्रित पा सकेंगे जिसने (मृत्यु से) तीन महीने पहले तक अपना पंजीकरण ईएसआइसी के आनलाइन पोर्टल के जरिए करा लिया होगा। एक अन्य शर्त होगी कि कर्मचारी ने कम से कम 78 दिन काम किया हो।
घोषणा के मुताबिक (ईडीएलआई) स्कीम के अंतर्गत बीमा के फायदों का विस्तार किए जाने से उन कर्मचारियों के परिवारों को लाभ मिलेगा, जिन्होंने कोरोना वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवाई है। बीमा के लाभ के तहत मिलने वाली अधिकतम रकम को छह लाख रुपए से सात लाख किया गया है, जबकि न्यूनमत बीमा लाभ राशि ढाई लाख रुपये होगी। यह स्कीम 15 फरवरी 2020 से अगले तीन साल के लिए लागू रहेगी।
इन घोषणाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार के इन कदमों से कोरोना के कारण विषम आर्थिक संकट में फंस गए परिवारों को थोड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार महामारी का शिकार हुए हर व्यक्ति और परिवार के साथ खड़ी है। इसीलिए पेंशन योजना का विस्तार किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि ईएसआइ एक्ट ऐसी सभी फैक्ट्रियों अथवा प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जहां पर दस अथवा दस से अधिक लोग काम करते हों। यह भी कि इन लोगों का वेतन 21 हजार रुपए से ज्यादा न हो। विकलांगता की स्थिति में वेतन की सीमा 25 हजार रखी गई है। यह कर्मचारियों और उनके परिवारों को चिकित्सा सुविधा और कैश बेनीफिट्स प्रदान करता है। इससे लाभान्वित होने वाले परिवारों की संख्या 3.49 करोड़ है और लाभ पाने वाले कुल सदस्यों की संख्या 13.56 करोड़ है।