पश्चिम बंगाल में कथित शिक्षा घोटाले में ईडी ने टीएमसी विधायक मानिक भट्टाचार्य को सम्मन भेजा था। जिसके बाद भट्टाचार्य बुधवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचे। भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व प्रमुख हैं और नादिया जिले के पालाशीपाड़ा से विधायक भी हैं। बता दें यह कार्रवाई ममता सरकार में शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद हुई है।

इससे पहले भट्टाचार्य के आवासीय परिसर की ईडी के अधिकारियों ने 22 जुलाई को तलाशी ली थी। जिसके बाद उन्हें एजेंसी के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया था। बता दें कि 2014 में मानिक भट्टाचार्य जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद ही उन्हें बोर्ड के प्रमुख नियुक्त किया गया।

वहीं इस मामले में गिरफ्तार हुए पश्चिम बंगाल के मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को बुधवार को मेडिकल जांच के लिए ईएसआई अस्पताल लाया गया। दरअसल कोर्ट के आदेश के मुताबिक हर 48 घंटे के बाद उनका मेडिकल चेकअप होना चाहिए। वे तीन अगस्त तक ईडी की हिरासत में हैं।

बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग भर्ती घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी के घर ईडी की टीम 22 जुलाई को पहुंची थी। तमाम छापेमारी और सवालों के बाद ईडी ने उन्हें 23 जुलाई को कोलकाता में उनके आवास से गिरफ्तार किया। इसी दिन पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया गया था।

दरअसल गिरफ्तारी से एक दिन पहले अर्पिता मुखर्जी के पास से 20 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। जांच एजेंसी ने संदेह जताया था कि ये पैसे कथित एसएससी घोटाले से मिली आय है। इसके अलावा अर्पिता मुखर्जी के परिसर से 20 से अधिक मोबाइल फोन भी जब्त किये गए। चटर्जी बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री हैं। फिलहाल उनके पास अभी उद्योग और वाणिज्य विभाग है। कथित घोटाले के बाद उनसे शिक्षा विभाग वापस ले लिया गया था।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2014 की प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की सीबीआई जांच का आदेश दिया था और परीक्षा के माध्यम से भर्ती किए गए 269 लोगों को बर्खास्त कर दिया था। उस दौरान पार्थ चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे।