पूर्व टीएमसी सांसद केडी सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व राज्यसभा सांसद और कारोबारी केडी सिंह को कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले अलकेमिस्ट ग्रुप मामले की जांच के सिलसिले में 2019 में तलाशी भी ली थी। अल्केमिस्ट समूह के संस्थापक सिंह 2012 तक इसके अध्यक्ष थे। वर्तमान में वे इसके अध्यक्ष एमेरिटस हैं। एजेंसी ने 1,900 करोड़ के घोटाले से जुड़े दो मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया है।

जनवरी 2019 में एजेंसी ने फर्म की 239 करोड़ की संपत्ति को अटैच कर लिया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने एक अवैध सामूहिक निवेश योजना शुरू की और 2015 तक जनता से लगभग 1,916 करोड़ रुपये जमा किए। मालूम हो कि मामले की जांच 2016 में शुरू हुई थी।

अप्रैल 2014 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर केडी सिंह राज्य सभा के लिए चुने गए लेकिन घोटाला सामने आने के बाद पार्टी में उन्हें दरकिनार कर दिया गया था। उनका कार्यकाल पिछले साल अप्रैल में समाप्त हो गया था। तृणमूल के वरिष्ठ नेता सौगत राय ने कहा कि पार्टी का केडी सिंह के साथ अब कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा, “यह सही है कि केडी सिंह अल्केमिस्ट के लिए चिट फंड चलाते थे। यह सच है कि एक समय वह तृणमूल से राज्यसभा के सदस्य थे। लेकिन केडी सिंह के साथ पार्टी का पिछले दो वर्षों से कोई संबंध नहीं है। ”

उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि प्रवर्तन निदेशालय ने कानून के अनुसार काम किया है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग न हो। लेकिन साथ ही साथ उनके अपने कानूनी अधिकार भी हैं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों एजेंसियों का दुरुपयोग किया गया है, रॉय ने कहा, “मैं जानता हूं कि भाजपा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सीबीआई और ईडी का उपयोग कर सकती है। हम राजनीतिक लोग हैं। जो भी हमारे सामने आएगा हम उसका सामना करेंगे। ”