Election Bond Controversy: लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले देश की सर्वोच्च अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड को अवैध करार दे दिया। ऐसे में स्टेट बैंक ने गुहार लगाई थी कि बॉन्ड्स की जानकारी के लिए कम-से-कम 30 जून 2024 तक की मोहलत दी जाए। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस गुहार को भी ठुकरा दिया और आदेश दिया कि 12 मार्च को चुनाव आयोग के पास स्टेट बैंक सारी जानकारी पहुंचा दे। अब चुनावी चंदे के लिहाज से देश के कई राजनीतिक दलों को झटका लगने वाला है लेकिन क्या आपको पता है कि इलेक्टोरल बॉन्ड की यह याचिका किसने लगाई थी, तो बता दें कि याचिकाकर्ता का नाम डॉ. जया ठाकुर है।

सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर मामले की याच‍िकाकर्ता जया ठाकुर ने संतुष्‍ट‍ि जताई है। चुनावी बॉन्‍ड योजना को रद्द करने की मांग करने को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और सीपीआई (एम) के साथ जया ठाकुर ने भी याच‍िका दायर की थी।

ANI के मुताब‍िक याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने कहा कि वह सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक की याच‍िका पर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संतुष्ट हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि मैं जया ठाकुर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याच‍िका वकील वरुण ठाकुर के माध्यम से दायर की गई थी। कोर्ट के आए इस फैसले पर जया ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इस मामले को बेहद ही गंभीरता से लेते हुए अपना आदेश द‍िया है।

डॉक्टर हैं जया ठाकुर

बता दें कि जया ठाकुर कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई हैं और वो पेशे से एक डॉक्टर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि जया ठाकुर मध्य प्रदेश के सागर जिले के बांदा की रहने वाली हैं और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव हैं।

जया ठाकुर ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अन्‍य याचिका दायर कर केंद्र को यह निर्देश देने की मांग की कि लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के मद्देनजर दिसंबर 2023 में लागू नए कानून के प्रावधानों के अनुसार 2 चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति नहीं की जाए। आपको बता दें, चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 9 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था ज‍िसको राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया है।

फंडिंग में खत्म हो गई पारदर्शिता

एक इंटरव्यू के दौरान जया ठाकुर ने यह भी कहा कि चुनावी बॉन्‍ड योजना की शुरुआत के साथ चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता कम हो गई है। उन्‍होंने यह भी कहा कि उनको ऐसा नहीं लगता है क‍ि सुप्रीम कोर्ट को चुनावी बॉन्‍ड योजना को लेकर सुनाया गया फैसला कांग्रेस पार्टी के हितों के ख‍िलाफ है।

जया ठाकुर ने कहा था कि मुझे लगता है कि जिस भी पार्टी को किसी भी कॉर्पोरेट ग्रुप से फंड मिलता है, उसे कॉर्पोरेट ग्रुप के नाम का खुलासा करना चाहिए।