Electoral Bonds Data: लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिलने के बाद चुनाव आयोग ने सार्वजनिक कर दिया है। इसके चलते चुनावी चंदे को लेकर खूब बवाल मचा हुआ है, क्योंकि बीजेपी को कुल चुनावी बॉन्ड का कुल 47 प्रतिशत चंदा मिला है, जो कि करीब 7 हजार करोड़ तक का है। इस बीच एक नया खुलासा बीजेपी को चंदे को लेकर ही हुआ है, जो बताता है कि बीजेपी के साथ 8 बार ऐसे भी मौके आए कि पार्टी को खूब चंदा मिला था।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से मिला डाटा बताता है कि अप्रैल 2018 से 2023 के बीच आठ बार ऐसे अवसर आए हैं जब बीजेपी को एक-एक दिन में एक-एक अरब रुपये या इससे भी ज्यादा चंदा चुनावी बॉन्ड्स के जरिए मिला है। खास बात यह है कि एक दिन ऐसा भी रहा था कि पार्टी को 24 घंटे में ही 200 करोड़ रुपये से ज्यादा चंदा मिल गया था।

जानकारी के मुताबिक ये 8 मौके ऐसे थे, जिनमें पार्टी ने एक झटके में ही 100 करोड़ रुपये हासिल किए थे, बीजेपी का आंकड़ा इतना बड़ा निकला कि उसके आस-पास कोई विपक्षी दल रहा भी नहीं था।

नए डाटा ने सभी को चौंकाया

बता दें कि शनिवार को जो डाटा मिला है उसे पहले मिले स्टेट बैंक वाले डाटा से मिलाया गया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। इसमें मुख्य तौर पर बीजेपी, कांग्रेस के अलावा DMK, AIADMK और NCP ने बॉन्ड्स के जरिए मिले चुनावी चंदे का खुलासा किया है। बता दें कि चुनाव आयोग के साथ सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी बॉन्ड्स से मिले चंदे की जानकारी शेयर की है।

इन दलों में DMK, AIADMK, AAP और समाजवादी पार्टी ने प्रमुख चंदा देने वालों के नाम बताए हैं। बता दें कि सीपीआई (एम), सीपीआई, एनपीपी और बसपा ने कहा है कि उन्हें इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कोई चंदा मिला ही नहीं है। सीपीआई (एम) और सीपीआई ने नैतिकता के आधार पर बॉन्ड्स के जरिए चंदा नहीं मिलने की बात कही है।

चुनाव आयोग ने जारी किया डाटा

राजनीतिक दलों ने आयोग को सीलबंद लिफाफे मे अपना चंदे का डाटा दिया है, जिसे अब आयोग ने सार्वजनिक कर दिया है। माना जा रहा है कि विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं। इस तारीख के बाद के चुनावी बांड विवरण पिछले सप्ताह चुनाव पैनल द्वारा सार्वजनिक किए गए थे। चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के निर्देशानुसार सीलबंद कवर में चुनावी बांड का डाटा पेश किया था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को फरवरी 2024 में निरस्त कर दिया था। साथ ही स्टेट बैंक को आदेश दिया था कि वे सारा डाटा इकट्ठा करके चुनाव आयोग को दे दें। इसको लेकर स्टेट बैंक ने 30 जून 2024 तक की मोहलत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने मोहलत नहीं दी और स्टेट बैंक को सारा डाटा चुनाव आयोग को सौंपना पड़ा था जिसे अब चुनाव आयोग ने सार्वजनिक कर दिया है।

इलेक्टोरल बॉन्ड का डाटा सार्वजनिक होने के बाद देश में बीजेपी के चुनावी चंदे को लेकर विपक्षी दल लगातार हमलावर हैं। हालांकि कुल चंदे का 53 इलेक्टोरल बॉन्ड का चंदा बीजेपी विरोधी अन्य विपक्षी दलोंको भी मिला है, जिसमे कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, डीएमके, आरजेडी समाजवादी पार्टी और शिवसेना जैसे दल भी शामिल हैं।