निर्वाचन आयोग ने हाल ही में अपनी वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े सार्वजनिक किए। सुप्रीम कोर्ट ने यह जानकारी शेयर करने के लिए आयोग को 15 मार्च 2024 तक की समय सीमा दी थी। ECI के अनुसार, फ्यूचर गेमिंग, मेघा इंजीनियरिंग और क्विक्सप्लाईचैन प्राइवेट लिमिटेड इलेक्टोरल बॉन्ड के टॉप 3 डोनर्स हैं। वहीं, राजनीतिक दलों की बात की जाए तो बीजेपी को चुनावी बॉन्ड का कुल 47 प्रतिशत चंदा मिला है जोकि करीब 7000 करोड़ तक का है। चुनावी बॉन्ड इनकैश कराने वाली पार्टियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, AIADMK, बीआरएस, शिवसेना, TDP, YSR कांग्रेस, डीएमके, JDS, एनसीपी, जेडीयू और राजद भी शामिल हैं।

बीजेपी के टॉप 10 डोनर्स ने 2119 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे

भारत के चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित आंकड़ों की जांच से पता चलता है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कुल 487 दानदाताओं में से टॉप 10 ने 2119 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं जो कि पार्टी द्वारा अप्रैल 2019 के बाद से भुनाए गए 6060 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड का 35 प्रतिशत है। यह आंकड़ा सभी दलों में सबसे ज्यादा है।

फ्यूचर गेम्स एंड होटल सर्विसेज लिमिटेड ने बीजेपी को दिये केवल 100 करोड़

डोनर नंबर 1 फ्यूचर गेम्स एंड होटल सर्विसेज लिमिटेड ने बीजेपी को केवल 100 करोड़ रुपये की फंडिंग की। इसकी 1,368 करोड़ रुपये की फंडिंग का तीन-चौथाई हिस्सा तृणमूल कांग्रेस (542 करोड़ रुपये) और डीएमके (503 करोड़ रुपये) के बीच लगभग समान रूप से विभाजित किया गया था। डोनर नंबर 2 मेघा ग्रुप बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए टॉप डोनर बनकर उभरा। समूह द्वारा खरीदे गए 1,192 करोड़ रुपये केबॉन्ड में से भाजपा को लगभग आधा यानी 584 करोड़ रुपये मिले। यह कांग्रेस से पांच गुना ज्यादा (110 करोड़ रुपये) था।

कोलकाता बेस्ड एमकेजे ग्रुप की चार कंपनियों ने 617 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे कुल मिलाकर वे तीसरे सबसे बड़े डोनर हैं। भाजपा को 372 करोड़ रुपये मिले, जो समूह द्वारा खरीदे कुल चुनावी बॉन्ड के आधे से अधिक है, जिसमें मदनलाल लिमिटेड, केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड और ससमल इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। कांग्रेस के पास 161 करोड़ रुपये और तृणमूल के पास 47 करोड़ रुपये हैं।

इन कंपनियों ने खरीदे करोड़ों के बॉन्ड

आदित्य बिड़ला समूह की आठ कंपनियों ने 584 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, जिससे यह चौथा सबसे बड़ा डोनर बन गया। समूह की चार शीर्ष दाता कंपनियों – हल्दिया एनर्जी (377 करोड़ रुपये), धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर (115 करोड़ रुपये), फिलिप्स कार्बन (35 करोड़ रुपये) और क्रिसेंट पावर (34 करोड़ रुपये) ने मिलकर 561 करोड़ रुपये के बांड खरीदे। इसमें से तृणमूल को 419 करोड़ रुपये, बीजेपी को 126 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 15 करोड़ रुपये मिले।

आरपीएसजी ग्रुप ने खरीदे 553 करोड़ के बॉन्ड

आरपीएसजी ग्रुप 553 करोड़ रुपये के कुल बॉन्ड के साथ पांचवां सबसे बड़ा डोनर है। समूह की शीर्ष तीन कंपनियों – एस्सेल माइनिंग (225 करोड़ रुपये), उत्कल एलुमिना इंटरनेशनल (145 करोड़ रुपये) और बिड़ला कार्बन (105 करोड़ रुपये) ने 475 करोड़ रुपये के बॉन्ड दिए। इसमें से 245 करोड़ रुपये बीजेडी को और 230 करोड़ रुपये बीजेपी को मिले। लिस्ट में अगला स्थान रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहयोगी कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड का है, जिसने बॉन्ड पर 410 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें से बीजेपी को 375 करोड़ रुपये और शिवसेना को 25 करोड़ रुपये मिले।

बॉन्ड के सातवें सबसे बड़े खरीदार वेदांता लिमिटेड ने 401 करोड़ रुपये खर्च किए। जिसमें से भाजपा को 227 करोड़ रुपये, कांग्रेस और बीजेडी को क्रमशः 104 करोड़ रुपये और 40 करोड़ रुपये मिले। भारती ग्रुप की चार कंपनियों ने 247 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। टॉप डोनर भारती एयरटेल लिमिटेड ने बॉन्ड पर 183 करोड़ रुपये खर्च किये। इसमें से बीजेपी को 197 करोड़ रुपये मिले।