Lok Sabha Election 2019: हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में राजद को बड़ा झटका लगा है। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का इन आम चुनावों में सूपड़ा साफ हो गया है। पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है। राजद के पूरे गठबंधन को ही एक सीट मिली है, बाकी की 40 में से 39 सीटों पर एनडीए ने कब्जा जमाया है। मंगलवार को पटना में राजद की समीक्षा बैठक है, जिसमें आम चुनावों में मिली हार के कारणों पर चर्चा होने की संभावना है। इसी बीच खबर आयी है कि इस बैठक में तेज प्रताप यादव के बगावती तेवरों के खिलाफ भी आवाज उठ सकती है। बता दें कि आम चुनावों के दौरान तेज प्रताप यादव ने कई बार पार्टी लाइन से हटकर फैसले किए।
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इतना ही नहीं बिहार की दो लोकसभा सीटों पर तो तेज बहादुर यादव ने राजद उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार भी मैदान में उतार दिए थे। यही वजह है कि तेज प्रताप यादव के खिलाफ पार्टी के कई नेताओं के मन में काफी नाराजगी है और आज की बैठक में यह नाराजगी खुलकर सामने आ सकती है। तेज प्रताप यादव ने राजद उम्मीदवारों के खिलाफ ही जहानाबाद और शिवहर सीट पर टिकट बंटवारे से नाराज होकर अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए थे। शिवहर सीट पर तो तेजप्रताप यादव के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया था, लेकिन जहानाबाद सीट पर राजद प्रत्याशी की हार के पीछे तेज प्रताप द्वारा अपना प्रत्याशी को उतार दिए जाने को मुख्य वजह माना जा रहा है। जहानाबाद सीट पर मुकाबला कांटे का रहा था। यही कारण है कि जहानाबाद से राजद के टिकट पर चुनाव लड़े पार्टी के कद्दावर नेता सुरेंद्र यादव तेजप्रताप के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं।
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आज पार्टी की समीक्षा बैठक में भी सुरेंद्र यादव तेजप्रताप यादव के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। बता दें कि चारा घोटाले में जेल की सजा काट रहे लालू यादव आम चुनावों में बिहार की राजनीति से गायब रहे। जिसका खामियाजा राजद को उठाना पड़ा। लालू प्रसाद यादव की गैरमौजूदगी में उनके बेटे तेजस्वी यादव ने पार्टी की कमान संभाली। तेजस्वी ने बिहार की क्षेत्रीय पार्टियों और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर एनडीए को कड़ी टक्कर देने की योजना बनायी थी, लेकिन नतीजों से स्पष्ट है कि बिहार की जनता ने राजद के गठबंधन के बजाए एनडीए को अपना समर्थन दिया।