लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया। उनके इफ्तीफे पर विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और तीन सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने पूछा की चुनाव आयुक्त ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है या मोदी सरकार के मतभेदों पर इस्तीफा दिया है?

नवंबर 2022 में नियुक्त हुए थे चुनाव आयुक्त

हालांकि अरुण गोयल की नियुक्ति भी विवादों में थी। नवंबर 2022 में अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था। अहम बात यह है कि 18 नवंबर 2022 को उन्होंने वीआरएस ले लिया था लेकिन 19 नवंबर को ही उनकी नियुक्ति चुनाव आयुक्त के रूप में कर दी गई। नियुक्ति पर विवाद शुरू हो गया और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था की नियुक्ति में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई?

हालांकि बाद में तत्कालीन जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का कार्यकाल तीन साल बचा था। अरुण गोयल की नियुक्ति ऐसे समय हुई थी जब सुप्रीम कोर्ट मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने अप्रैल 2023 में अरुण गोयल की नियुक्ति के खिलाफ अदालत का रुख किया और कहा कि यह मनमाना था।

आईएएस से VRS लेने के समय अरुण गोयल भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव थे। इससे पहले उन्होंने संस्कृति सचिव और दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का पद संभाला था। भारी उद्योग सचिव के रूप में उन्होंने भारत में ई-वाहन को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम किया। उन्होंने रिकॉर्ड समय में ऑटो उद्योग के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना लागू की, जिसमें 42,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 67,690 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ और एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई ने 50 गीगावॉट के लक्ष्य के मुकाबले 98 गीगावॉट का विनिर्माण स्थापित किया। पंजाब सरकार में रहते हुए अरुण गोयल ने प्रमुख सचिव के रूप में न्यू चंडीगढ़ के मास्टरप्लान को तैयार किया। पटियाला में जन्मे अरुण गोयल ने गणित में एमएससी की है।

इस्तीफे की टाइमिंग चर्चा में

अरुण गोयल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए देश भर में यात्रा कर रहा था और कुछ दिनों में लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा होने की उम्मीद थी। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों के लिए पूरे भारत में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और आवाजाही पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और रेलवे अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। अरुण गोयल के इस्तीफे के साथ चुनाव आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गए हैं। पिछले महीने चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के रिटायर होने के बाद चुनाव आयोग में पहले से ही एक पद खाली था।