Bihar Special Intensive Revision: बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन में अब 10 दिन से भी कम का वक्त बचा है और इसके लिए पूरे बिहार में न सिर्फ चुनाव आयोग बल्कि राजनीतिक दल भी अपने-अपने स्तर पर लंबी-चौड़ी एक्सरसाइज कर रहे हैं। 7.9 करोड़ मतदाताओं वाले बिहार में वोटर लिस्ट के रिवीजन के लिए अब वक्त काफी कम बचा है इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय ने राज्य से बाहर रह रहे बिहार के लोगों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।

चुनाव आयोग के कार्यालय ने कहा है कि ऐसे प्रवासी बिहार के लोगों के लिए दो स्टेप वाला ऑनलाइन फॉर्म लॉन्च किया है गया। ऐसा इसलिए किया गया है कि ऐसे मतदाता भी विधानसभा चुनाव में वोट डाल सकें। ऐसे मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ के आसपास है और ये लोग इस बात को लेकर परेशान थे कि वे चुनाव में वोट डाल पाएंगे या नहीं।

चुनाव आयोग ने मांगे हैं 11 डॉक्यूमेंट, एक भी बनवाना आसान नहीं… 

याद दिलाना होगा कि बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने The Indian Express को दिए इंटरव्यू में कहा था कि चुनाव आयोग बिहार से बाहर रह रहे लोगों के लिए एक सरल ऑनलाइन सिस्टम बना रहा है।

विपक्ष ने खोल दिया था मोर्चा

बिहार के विधानसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है और इस बीच वोटर लिस्ट के रिवीजन को लेकर अच्छी-खासी लड़ाई छिड़ चुकी है। महागठबंधन की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित तमाम बड़े नेता मैदान में उतर चुके हैं।

‘हमारे पास केवल आधार कार्ड है…हमें चुनाव आयोग की ओर से मांगे गए कागजात कहां से मिलेंगे?’

क्या कहा गया है विज्ञापन में?

मंगलवार को बिहार के CEO कार्यालय ने इस संबंध में एक विज्ञापन जारी किया, जिसमें कहा गया है, ‘अगर आपके पास मोबाइल फोन है, तो फॉर्म भरने की चिंता क्यों? ECI की वेबसाइट पर जाकर ‘enumeration form online’ पर क्लिक करने के बाद अपना EPIC नंबर (वोटर ID) या मोबाइल नंबर डालकर लॉग इन करें। इसके बाद फॉर्म खुल जाएगा और इसमें नाम और डेट ऑफ बर्थ की जानकारी भरनी होगी।’

विज्ञापन में आगे कहा गय है कि सिग्नेचर करने के लिए, सादे कागज पर साइन करके या अंगूठा लगाकर उसकी फोटो खींचकर अपलोड कर सकते हैं। इसके बाद उस व्यक्ति को फोन पर कन्फर्मेशन SMS भी मिलेगा।

CEO कार्यालय ने कहा है कि अगर फोटो और डॉक्यूमेंट्स अपलोड नहीं हो पा रहे हों तो Electoral Registration Officers (EROs) इसे लेकर अंतिम फैसला लेंगे। यह फैसला 1 अगस्त से 30 अगस्त के बीच अन्य डॉक्यूमेंट्स जैसे सरकारी योजनाओं में नाम या जमीन से जुड़े कागजात के आधार पर लिया जाएगा।

राजनीतिक दलों ने किया स्वागत

बिहार में सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के कदम का स्वागत किया है। आरजेडी और कांग्रेस ने कहा कि यह देरी से उठाया गया कदम है लेकिन फिर भी इसका स्वागत किया जाना चाहिए। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि हम लंबे वक्त से इस बारे में कह रहे थे। जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग अपना टास्क पूरा करने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है।

बताना होगा कि वोटर लिस्ट रिवीजन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो चुकी है और तमाम अहम सवालों के बीच 28 जुलाई को एक बार फिर अदालत इस मामले में सुनवाई करेगी।

‘हमारे पास केवल आधार कार्ड है…’, बिहार के गांवों में परेशान हैं लोग