लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होने में कुछ ही वक्त बचा है। इसके पहले राजनीतिक दलों द्वारा खास एडवाइजरी कर दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रचार के दौरान जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट न मांगे और भक्त देवता के रिश्तें का अपमान करने पर भी रोक लगा दी गई हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले भाषण के साथ-साथ गलत और बिना तथ्यों के बयान देने पर का सख्त निर्देश दिया है।

चुनाव आयोग ने मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे या कोई अन्य पूजा स्थल को लेकर किसी तरह के बयान देने से बचने को कहा अन्यथा कार्रवाई हो सकती है। चुनाव आयोग के पैनल लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर खास नियम बनाए हैं।

आयोग ने कहा कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले भी आदर्श आचार संहिता उल्लंधन करने का नोटिस मिल चुका है, दोबारा करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। आयोग की सलाह 2024 के आम चुनावों में अव्यवस्था को दूर करने का प्रयास है।

नियमों की धज्जियां उड़ाना पड़ेगा भारी

आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन न हो, इसके लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण के जरिए सभ्य अभियान के लिए जमीन तैयार की है। चुनाव आयोग ने पार्टियों को सार्वजनिक प्रचार में शिष्टाचार बनाए रखने और स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों, खासकर उन लोगों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी डालने की चेतावनी दी, जिन्हें अतीत में नोटिस जारी किए गए थे।

चुनाव आयोग ने पार्टियों को अभियान में मुद्दा-आधारित बहस करने के लिए कहा, साथ ही पार्टियों और उनके नेताओं को सबूत के बिना किसी भी तरह का बयान देने से बचान चाहिए। इसमें कहा गया कि वोटर्स को गुमराह करने के किसी भी तरह के प्रयास नहीं होने चाहिए। इसके अलावा एडवाइजरी में सोशल मीडिया गतिविधियों को भी शामिल किया गया है, जिसमें प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने वाले या उनका अपमान करने वाले पोस्ट को शेयर न करने का निर्देश दिया गया है।

इसके अलावा मीडिया को सलाह दी गई है कि बिना वैरिफिकेशन के किसी भी तरह का भ्रामक विज्ञापन न तो प्रसारित करें और न ही प्रकाशित करें।