झालमूढ़ी बेचने वाला बहारुल शेख, आईआईएम अहमदाबाद ग्रेजुएट पद्युत कुमार बोरा, फिल्‍म मेकर बोबीता शर्मा, परफ्यूम का बिजनेस करने वाले बदरुद्दीन अजमल, पूर्व उल्‍फा उग्रवादी सुरेश बोरा, पूर्व AASU अध्‍यक्ष शंकर प्रसाद रॉय POCSO के मामले में फंसे गोपीनाथ दास। इन सभी में एक बात कॉमन है और वो है कि ये सभी विधायक बनना चाहते हैं। असम विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को 61 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान हो रहा है और इन सभी की किस्‍मत का फैसला मतपेटियों में बंद हो जाएगा।

डुबरी कस्‍बे में घूमते हुए 32 साल के बहारुल शेख ने कहा, ”हमने अमीरों को 60 साल दिए, लेकिन उन्‍होंने क्‍या किया, हमारे जैसे गरीब पैदा किए?” झालमूढ़ी बेचकर प्रतिदिन 300 से 350 रुपए कमाने वाले शेख राष्‍ट्रीय सेक्‍युलर कांग्रेस के उम्‍मीदवार है। उन्‍होंने कहा, ”मेरे पिता लकडि़यां काटा करते थे अैर झालमुड़ी बेचता हूं। कुछ नहीं बदला। यही कारण है कि मैं विधानसभा में जाना चाहता हूं और गरीबों के लिए कुछ करना चाहता हूं।”

वहीं, आईआईएस अहमदाबाद से पढ़ें पद्युत कुमार बोरा समाज में बदलाव लाना चाहते हैं। उनका मानना है कि सामाजिक स्थिति में बदलाव लाने के लिए राजनीति बेहद सशक्‍त माध्‍यम है। बोरा ने दो साल पहले ही बीजेपी छोड़ी है और वह गुवाहाटी पूर्व और जोरहाट विधानसभा सीट से मैदान में है।

कांग्रेस उम्‍मीदवार और फिल्‍ममेकर बोबीता शर्मा का मकसद गुवाहाटी को वर्ल्‍ड सिटी बनाना है। असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में किस्‍मत आजमा 523 उम्‍मीदवारों में एक नाम बदरुद्दीन अजमल का भी है। पूरी दुनिया में इनके 500 परफ्यूम आउटलेट हैं। वह दक्षिण सालमारा से मैदान में हैं। इनके बेटे अब्‍दुर रहमान अजमल AIUDF के टिकट पर जमुनामुख से लड़ रहे हैं।

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