मोदी सरकार को आज 8 साल पूरे हो गए हैं। 2019 में सत्ता में लौटने के बाद से, इसने अपने एजेंडे में कई प्रमुख कार्य पूरे किए। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि भारत ने सबसे खराब महामारी को भी अब पीछे छोड़ दिया है, लेकिन सरकार के बचे हुए दूसरे कार्यकाल के लिए देश और विदेश में कई चुनौतियां बाकी हैं। सरकार के 8 साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर पीएम मोदी कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत स्कॉलरशिप राशि ट्रांसफर की।

इसके साथ ही पीएम मोदी ने ऐलान किया कि अगर किसी बच्चे को उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा तो पीएम केयर फंड उसमे भी मदद करेगा। पीएम मोदी ने कहा, “अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स के लिए या हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा, तो पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है।”

पीएम मोदी ने कहा, “आज जब हमारी सरकार अपने 8 वर्ष पूरे कर रही है, तो देश का आत्मविश्वास, देशवासियों का खुद पर भरोसा भी अभूतपूर्व है। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए भारत अब तेज गति से विकास कर रहा है। बीते आठ वर्षों में भारत ने जो ऊंचाई हासिल की है, वो पहले कोई सोच भी नहीं सकता था। आज दुनिया में भारत की आन-बान-शान बढ़ी है, वैश्विक मंचों पर हमारे भारत की ताकत बढ़ी है। मुझे खुशी है कि भारत की इस यात्रा का नेतृत्व युवा शक्ति ही कर रही है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं बच्चों से पीएम के तौर पर नहीं, आपके परिवार के सदस्य के तौर पर बात कर रहा हूं। आज बच्चों के बीच आकर मुझे बहुत राहत मिली है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ के जरिए बच्चों को आयुष्मान हेल्थ कार्ड भी दिया जा रहा है, इससे 5 लाख रुपये तक के इलाज की भी मुफ्त सुविधा मिलेगी।”

पिछले 8 वर्षों में भाजपा ने खुद को और अपनी विचारधारा को भारतीय राजनीति का प्रमुख ध्रुव बनाया है। बीजेपी ने अपने वैचारिक एजेंडे में प्रमुख मिशनों के साथ जिसमें अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और अनुच्छेद 370 को निरस्त करना शामिल था, उसे पहले ही हासिल कर लिया है। तीन तलाक पर प्रतिबंध को समान नागरिक संहिता की दिशा में आधी प्रगति के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी धीरे-धीरे और सावधानी से काशी और मथुरा के मंदिरों पर एक नए मिशन की शुरुआत कर रही है।

हालांकि भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख राजनीतिक ताकत बन गई है। लेकिन फिर भी दक्षिण और पूर्वी राज्यों में क्षेत्रीय दल अपना दबदबा कायम रखते हैं। पार्टी इन राज्यों के राजनीतिक और वैचारिक चरित्र को बदलने के लिए एक खाका तैयार कर रही है।